उत्तर प्रदेशराज्य

 राम के जरिए विपक्ष को सबक और संदेश… पीएम

स्वतंत्रदेश , लखनऊश्रीराम जन्मभूमि पर नवनिर्मित भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर से ही राम को काल्पनिक बताने वालों को न केवल करारा जवाब दिया, बल्कि राम के जरिये विपक्षी दलों को सबक भी सिखाया। साथ ही भविष्य की विरासत और विकास की राजनीति का संदेश भी दिया। आजाद भारत के सबसे बड़े आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रम से पीएम मोदी ने अगले एक हजार वर्ष बाद के भारत की नींव रखते हुए देश की जनता को समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध भी दिलाई।

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जरिये मोदी ने विपक्षी नेताओं को सबक सिखाते हुए कहा कि वह लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जानते। रामलला के मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के शांति, धैर्य, सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। कहा कि मंदिर का निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।

युवाओं को सौंपा समृद्ध भारत का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने देश की युवा पीढ़ी को भी साधने का प्रयास किया। कहा कि भारत का अमृत काल चल रहा है, ऐसी सकारात्मक परिस्थितियां न जाने कितने वर्षों बाद बनेगी। कहा कि युवाओं को अब चूकना और बैठना नहीं है। विरासत पर गर्व करते हुए भारत का नवप्रभात लिखना है। युवाओं का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि आने वाला समय सफलता और सिद्धि का है। राममंदिर भारत के उत्कर्ष, उदय, भव्य भारत के अभ्युदय और विकसित भारत का साक्षी बनेगा। यह भारत का समय है, भारत अब आगे बढ़ने वाला है। कहा कि शताब्दी की प्रतीक्षा के बाद यहां पहुंचे हैं, अब देश रुकेगा नहीं, बल्कि विकास की ऊंचाई पर जाकर रहेगा।

आदिवासी, पिछड़े और कमजोर वर्ग को भी साधा
प्रधानमंत्री ने माता शबरी को याद करते हुए आदिवासी समाज को साधने की कोशिश की। कहा कि सुदूर जंगल में जीवन गुजारने वाली मां शबरी का ध्यान आते ही विश्वास जागृत होता है, क्योंकि शबरी तो हमेशा से कहती थीं मेरे राम आएंगे। वहीं निषादराज के जरिये पिछड़े वर्ग को साधते हुए मोदी ने कहा कि निषादराज और राम की मित्रता बंधनों से परे है। गिलहरी और जटायु का जिक्र करते हुए मोदी ने कमजोर, वंचित और शोषित समाज का हौंसला बढ़ाने का प्रयास किया।

राम को काल्पनिक बताने वालों को दिया करारा जवाब
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए भगवान राम को काल्पनिक बताने वालों को करारा जवाब दिया। कहा कि रामलला की प्रतिष्ठा वसुधैव कुटुंबकम के विचार, साक्षात मानव मूल्यों और सर्वोच्च आदर्श की भी प्राण प्रतिष्ठा है। यह मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं हैं, यह भारत की दृष्टि, दर्शन, दिग्दर्शन का मंदिर है।

मोदी ने कहा कि राम के रूप में यह राष्ट्र चेतना का मंदिर है। कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं। राम भारत का विचार हैं और विधान भी हैं। राम भारत की चेतना हैं, चिंतन भी हैं। राम प्रतिष्ठा हैं प्रताप भी हैं। प्रभा हैं और प्रभाव भी हैं। राम नियति हैं, नीति भी हैं। राम नितत्यता हैं, निरंतरता भी हैं। राम व्यापक विश्व भी हैं और विश्वात्मा भी हैं।

अगले एक हजार साल बाद के भारत की नींव रखी
प्रधानमंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह से ही अगले एक हजार साल के बाद की नींव भी रख दी। कहा कि अयोध्या भूमि प्रत्येक रामभक्त से सवाल कर रही है कि राम मंदिर बन गया, अब आगे क्या। उन्होंने कहा कि इस सुअवसर पर जो देव, दैवीय आत्माएं आशीर्वाद देने आई हैं, उन्हें कदापि ऐसे खाली हाथ विदा नहीं करना है।

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