सरयू नदी के रामघाट पर जलाई गई 108 फीट की अगरबत्ती
स्वतंत्रदेश, लखनऊश्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मंगलवार से आरंभ हो जाएगा और 21 जनवरी तक चलता रहेगा। रामलला की प्रतिमा 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित कर दी जाएगी। पिछले 70 वर्षों से पूजित वर्तमान प्रतिमा को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा। जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा समारोह का पूरा ब्योरा सार्वजनिक किया।श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास महाराज की मौजूदगी में गुजरात से पहुंची 108 फीट की अगरबत्ती जलाई गई। अयोध्या के सरयू नदी के रामघाट पर 108 फीट लंबी अगरबत्ती को प्रज्वलित किया गया। गुजरात के बड़ोदरा में तैयार की गई यह अगरबत्ती अयोध्या लाई गई है।
पीएम मोदी ने की गायिका शिवश्री स्कंदप्रसाद की तारीफ
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गायिका शिवश्री स्कंदप्रसाद की तारीफ की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर भजन पोस्ट किया है। पीएम मोदी ने गायिका की “प्रभु श्री राम की भक्ति की भावना को खूबसूरती से उजागर करने के लिए सराहना की। कन्नड़ में शिवश्री स्कंद प्रसाद की यह प्रस्तुति प्रभु श्री राम की भक्ति की भावना को खूबसूरती से उजागर करती है। वहीं, शिवश्री स्कंदप्रसाद कहती हैं कि “यह मेरे लिए बहुत खुशी का क्षण है। मेरे पास उस भावना का वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं जो मैं अब अनुभव कर रही हूं। यह स्वयं भगवान राम का आशीर्वाद है।कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति चयनित हुई है। अरुण ने इस मूर्ति का निर्माण रामसेवकपुरम कार्यशाला के सामने स्थित विवेक सृष्टि के परिसर में किया। इसलिए अनुष्ठान की शुरुआत इसी परिसर में मूर्ति निर्माण स्थल की पूजा के साथ होगी। इससे पहले परिसर में देवोत्थानी एकादशी से चल रहे वेदों के पारायण व हवन अनुष्ठान का सोमवार को समापन हो गया। अनुष्ठान को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भूतल के ईशानकोण में नौ हवन कुंड व दो मंडप बनकर तैयार हैं। सोमवार को नवनिर्मित मंदिर की पानी से धोया गया उसकी साफ-सफाई की गई। पूरे मंदिर का शुद्धीकरण किया गया है। अनुष्ठान की सारी सामग्रियां परिसर में पहुंचा दी गई हैं।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गायिका शिवश्री स्कंदप्रसाद की तारीफ की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर भजन पोस्ट किया है। पीएम मोदी ने गायिका की “प्रभु श्री राम की भक्ति की भावना को खूबसूरती से उजागर करने के लिए सराहना की। कन्नड़ में शिवश्री स्कंद प्रसाद की यह प्रस्तुति प्रभु श्री राम की भक्ति की भावना को खूबसूरती से उजागर करती है। वहीं, शिवश्री स्कंदप्रसाद कहती हैं कि “यह मेरे लिए बहुत खुशी का क्षण है। मेरे पास उस भावना का वर्णन करने के लिए शब्द नहीं हैं जो मैं अब अनुभव कर रही हूं। यह स्वयं भगवान राम का आशीर्वाद है।कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की मूर्ति चयनित हुई है। अरुण ने इस मूर्ति का निर्माण रामसेवकपुरम कार्यशाला के सामने स्थित विवेक सृष्टि के परिसर में किया। इसलिए अनुष्ठान की शुरुआत इसी परिसर में मूर्ति निर्माण स्थल की पूजा के साथ होगी। इससे पहले परिसर में देवोत्थानी एकादशी से चल रहे वेदों के पारायण व हवन अनुष्ठान का सोमवार को समापन हो गया। अनुष्ठान को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भूतल के ईशानकोण में नौ हवन कुंड व दो मंडप बनकर तैयार हैं। सोमवार को नवनिर्मित मंदिर की पानी से धोया गया उसकी साफ-सफाई की गई। पूरे मंदिर का शुद्धीकरण किया गया है। अनुष्ठान की सारी सामग्रियां परिसर में पहुंचा दी गई हैं।