बिना प्रोटोकॉल स्पर्श दर्शन कराना दरोगा को पड़ा भारी
स्वतंत्रदेश,लखनऊकाशी विश्वनाथ मंदिर में बिना प्रोटोकॉल पांच श्रद्धालुओं को स्पर्श दर्शन कराने वाले चौक थाने के उप निरीक्षक आशीष सिंह के वेतन से बतौर सुगम दर्शन शुल्क 1500 रुपये की कटौती की जाएगी। मंदिर के एसडीएम शंभू कुमार ने पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर पांच व्यक्तियों के प्रोटोकॉल टिकट की धनराशि 1500 रुपये दरोगा के वेतन से कटौती कर मंदिर न्यास के खाते में जमा कराने का अनुरोध किया है।
एसडीएम के इस पत्र के बाद पुलिस महकमे में हलचल है और दबी जुबान से मंदिर प्रशासन के नए प्रोटोकॉल व्यवस्था की चर्चा है। मंदिर प्रशासन की ओर जारी पत्र में कहा गया है कि एक जनवरी 2024 से मंदिर प्रशासन ने दर्शन-पूजन के लिए प्रोटोकॉल की नई व्यवस्था लागू हो गई है। मगर, चार जनवरी को चौक थाने में तैनात दरोगा आशीष सिंह ने नियमों की अवहेलना करते हुए बिना किसी प्रोटोकॉल पर्ची या सुगम दर्शन टिकट के पांच व्यक्तियों को गर्भगृह में ले जाकर स्पर्श कराया।
इस स्थिति में आम जनमानस और प्रोटोकॉल टिकट धारी दर्शनार्थियों में रोष का हवाला भी दिया गया। एसडीएम के पत्र में पुलिस आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि पांच व्यक्तियों के प्रोटोकॉल टिकट की धनराशि 15 सौ रुपये दरोगा के वेतन से कटौती कर अर्थदंड लगाते हुए मंदिर न्यास के खाते में जमा कराएं।
क्या है नया नियम
एक जनवरी 2024 से मंदिर प्रशासन ने दर्शन पूजन के लिए प्रोटोकॉल की नई व्यवस्था लागू करते हुए 87 लोगों को ही निशुल्क प्रोटोकॉल के योग्य माना है। इसके अलावा किसी भी व्यक्ति के दर्शन पूजन के लिए न्यास अध्यक्ष, कार्यपालक समिति के अध्यक्ष, कार्यपालक समिति के सचिव की सहमति से पात्र का चयन करने का नियम पारित हुआ है। नए नियमों में पुलिस विभाग में अपर पुलिस अधीक्षक और प्रशासन में अपर जिलाधिकारी स्तर तक के अधिकारियों को वीआईपी श्रेणी में रखा गया है। मगर, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी प्रोटोकॉल के पात्र व्यक्ति के चयन का अधिकार नहीं किया गया है।