योगी सरकार का बड़ा एलान, आठ हजार करोड़ होंगे खर्च
स्वतंत्रदेश,लखनऊप्रदेश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाकर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के साथ ही इनके किनारे बड़े पैमाने पर उद्योगों की स्थापना के लिए औद्योगिक गलियारे बनाने की योजना अब कागज से जमीन पर उतरने लगी है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) द्वारा विकसित किए जा रहे औद्योगिक गलियारों के लिए जिलों में भूमि खरीद की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। करीब आठ हजार करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश के 29 जिलों में 5769 हेक्टेयर भूमि खरीदी जाएगी। भूमि क्रय करने के साथ ही मास्टर प्लान पर भी अमल की तैयारी है। मास्टर प्लान उद्यमियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनकी मांग के अनुसार बनाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही सर्वे की प्रक्रिया शुरू होगी। औद्योगिक क्षेत्र के विकास के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि बड़े उद्योगों और छोटी इकाइयों के साथ-साथ ओडीओपी उत्पादों को भी बढ़ावा मिल सके। भंडारण की समस्या के स्थायी निदान के लिए 30-40 प्रतिशत भूमि वेयर हाउस के लिए आरक्षित किए जाने की योजना है।
यूपीडा ने प्रदेश के 29 जिलों में पांच एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों की स्थापना की दिशा में प्रयास तेज किए हैं। गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 11 औद्योगिक गलियारों के लिए 1522.05 हेक्टेयर भूमि क्रय की जा रही है। वहीं, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के किनारे छह गलियारों के लिए 1884.11 हेक्टेयर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे छह गलियारों के लिए 1585.57, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे पांच औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 532.28 हेक्टेयर व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे दो औद्योगिक गलियारे विकसित करने के लिए 245.35 हेक्टेयर भूमि क्रय करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई है। बता दें कि औद्योगिक क्षेत्र के लिए 29 जिलों में 108 गांव अधिसूचित किए गए थे। गोरखपुर में सिर्फ बहादुरपुर बुजुर्ग व बहादुरपुर खुर्द से ही आवश्यक भूमि की व्यवस्था हो जाने के कारण अन्य गांवों में भूमि क्रय के प्रस्ताव को टाल दिया गया है, इसलिए अब चिह्नित गांवों की संख्या घटकर 102 हो गई