कोहरे में भी 75 किमी की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, लग रहा फाग सेफ डिवाइस
स्वतंत्रदेश ,लखनऊकोहरे के दौरान भी ट्रेनों के संचालन में कोई बाधा न आए, इसके लिए सभी ट्रेनों में फाग सेफ डिवाइस लगेगी। यह डिवाइस सिग्नल के 500 मीटर पहले ही लोको पायलटों को सतर्क कर देती है। इस डिवाइस के लगने के बाद ट्रेनों को 75 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलाया जा सकता है, जबकि बिना इस डिवाइस के अधिकतम स्पीड 60 किलोमीटर प्रतिघंटा रखी जाती है।
हर साल दिसंबर और जनवरी में घने कोहरे के चलते ट्रेनों का संचालित प्रभावित हो जाता है। कई बार सिग्नल दिखाई नहीं देने की वजह से हादसों की भी आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए कोहरे से प्रभावित क्षेत्र में चलने वाली सभी गाड़ियों के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों, क्राॅसिंगों और सिग्नलों पर पारंपरिक नियमों और संसाधनों को चालू रखा जाएगा।
फाग सेफ डिवाइस एक बैटरी ऑपरेटेड यंत्र होता है, जिसे ट्रेन के इंजन में रखा जाता है। इसमें जीपीएस की सुविधा होती है। इस यंत्र में एक वायर वाला एंटीना होता है, जिसे इंजन के बाहरी हिस्से में फिक्स कर दिया जाता है। यह एंटीना इस डिवाइस में सिग्नल को रिसीव करने के लिए लगाया जाता है।सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि कोहरे में ट्रेनों के संरक्षित एवं सुरक्षित संचलन सुनिश्चित करने के लिए सभी सावधानियां अपनाई जा रही हैं। सभी ट्रेनों (लोकोमोटिव) में फाग सेफ डिवाइस लगाई जा रही है। यह एक जीपीएस आधारित डिवाइस है जिसके माध्यम से लोको पायलट को सिग्नल की जानकारी पूर्व में ही मिल जाती है। इसके फलस्वरूप कोहरे में ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 75 किमी प्रति घंटा हो सकती है। इस डिवाइस के बिना अथवा इसके लगने के पूर्व अधिकतम रफ्तार 60 किमी प्रति घंटा हो सकती है।