बीस साल बाद चित्रकूट की ख्वाहिश पूरी
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :रसिन समेत 17 गांवों के करीब चार हजार किसानों का 20 साल का इंतजार बुधवार को खत्म हो जाएगा, जब खेतों को सिंचित करके फसल लहलहाने वाली चौधरी चरण सिंह रसिन बांध सिंचाई परियोजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों समर्पित करेंगे। इससे चित्रकूट और बांदा के किसानों को लाभ मिलेगा।
चार बार रिवाइज हुआ बजट
वर्ष 2002-03 में रसिन बांध परियोजना का निर्माण 17.25 करोड़ रुपये की लागत से शुरू हुआ था। काम बहुत धीमी गति से हुआ। उस दौरान की सरकारों ने भी ज्यादा रुचि नहीं ली। इससे लागत बढ़ी और वर्ष 2005-06, 2008-09, 2015-16 और 2018 में इस्टीमेट रिवाइज करना पड़ा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में रसिन बांध को प्रधानमंत्री सिंचाई परियोजना में शामिल किया। हर खेत को पानी की नीति के तहत 140. 20 करोड़ रुपये देकर वर्ष 2019-20 में इसे पूरा कराया।
जल स्रोत : बाणगंगा नदी
काम शुरू हुआ : 2003
मूल लागत : 17.2462 करोड़
रिवाइज लागत : 140.20 करोड़
अभी तक व्यय : 120.9120 करोड़
लाभान्वित होंगे किसान : 3,635
कुल सिंचित भूमि : 2290 हेक्टेयर
नहरों की लंबाई : 24.10 किमी (दायीं मुख्य नहर 5.20 किमी व बायीं मुख्य नहर 5.80 किमी, चार माइनर में सुदिनपुर दो किमी, बदौसा 3.60 किमी, गजपतिपुर 3.10 किमी और महुराई 4.40 किमी लंबाई)
पेयजल : 4600 लोगों को पेयजल उपलब्ध होगा।
- रसिन बांध परियोजना मुख्यमंत्री के प्रयास से पूरी हुई है। कुछ बजट अभी बाकी है, जिससे नहरों का और विस्तार किया जाएगा