बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ से फिर बिगड़े हालात
स्वतंत्रदेश,लखनऊधर्मनगरी में रविवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हालत ये हुई ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के बाहर गली में पैर रखने की भी जगह नहीं बची। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। हालात ऐसे बिगड़े कि सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। भीड़ में फंसी महिलाओं और बुजुर्गों की चीख निकल गई।ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार के बाद रविवार को हालात और खराब हो गए। सुबह पौने नौ बजे मंदिर के पट खुले, इससे पहले ही श्रद्धालुों की भीड़ मंदिर के आसपास पहुंच गई। पट खुलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु पहुंच गए थे। पट खुले, तो अंदर प्रवेश करने को लेकर धक्का-मुक्की होने लगी। जैसे-जैसे दिन चढ़ता रहा, हालात और खराब होते रहे। करीब 11 बजे हाल ये हुआ कि मंदिर के अंदर पैर रखने की जगह नहीं बची और बाहर स्थिति उससे भी खराब थी।
बिना दर्शन के लौटे लोग
कानपुर के किदवई नगर निवासी रीना गुप्ता अपने परिवार के साथ दर्शन को आई थीं, भीड़ में फंसकर उनका दम घुटने लगा, किसी तरह स्वजन ने उन्हें भीड़ से निकालकर किनारे बैठाया। स्थिति देख वह मंदिर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सकीं, बाकी स्वजन ने किसी तरह दर्शन किए।
नोएडा निवासी पूनम भी अपनी मित्रों के साथ पहुंचीं थीं, लेकिन भीड़ में उनकी भी स्थिति खराब हो गई। काफी देर तक वह किनारे बैठकर हालात सामान्य होने का इंतजार करती रहीं, लेकिन फिर स्थिति न सुधरने पर शाम को दर्शन की कहकर लौट गईं।
कार्तिक पूर्णिमा से एक दिन पहले रविवार होने के कारण भी़ अधिक हुई, लेकिन प्रशासन के पास पुख्ता इंतजाम नहीं थे।
दोपहर को मंदिर के पट बंद हुए तो हजारों श्रद्धालु दर्शन से वंचित रह गए। ऐसे श्रद्धालु शाम को दर्शन के इंतजार में आसपास ही डेरा डाले बैठे रहे। शाम को एकबार फिर जब मंदिर के पट खुले तो हालात और खराब हुए।