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अशरफ के जिगरी यार को टास्क फोर्स ने उठाया

स्वतंत्रदेश ,लखनऊमाफिया अतीक की बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में जुटी कमिश्नरेट टास्क फोर्स ने शुक्रवार को उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ के दोस्त को उठा लिया। जियाउद्दीन अहमद नाम का यह शख्स एयरपोर्ट क्षेत्र में 13 एकड़ में फैली आलीशान टाउनशिप का निदेशक रह चुका है। टास्क फोर्स को इनपुट मिला है कि इसमें अशरफ ने पैसा लगाया था। घंटों चली पूछताछ में अफसरों ने उस पर सवालों की बौछार की, जिससे उसके माथे पर पसीना आ गया।पिछले दिनों गठित कमिश्नरेट टास्क फोर्स ने माफिया की बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई के संबंध में अभियान चला रखा है। सूत्रों के मुताबिक, गोपनीय तरीके से की गई जांच में पता चला कि शहर में स्थित एक आलीशान टाउनशिप में अशरफ ने पैसा लगाया था। जांच आगे बढ़ाई गई तो यह बात सामने आई कि यह टाउनशिप एयरपोर्ट थाना क्षेत्र के जलालपुर घोसी में स्थित है।

पहले यह 13 एकड़ क्षेत्रफल में बसाई गई और बाद में टाउनशिप बसाने वाली कंपनी ने आसपास स्थित कई बीघा जमीनों को भी खरीदकर टाउनशिप में शामिल कर लिया। पुलिस ने पूछताछ की तो मालिक ने माफिया से संबंध होने की बात सिरे से नकार दी। हालांकि, अफसरों के कान तब खड़े हो गए जब पता चला कि इस कंपनी में अतीक के भाई अशरफ का दोस्त जियाउद्दीन लंबे समय तक निदेशक रहा।

ईसीसी में अशरफ के साथ करता था पढ़ाई

सूत्रों के मुताबिक, जियाउद्दीन मूलरूप से चमरूपुर पठान, नूरपुर थाना जेठवारा प्रतापगढ़ का रहने वाला है। वह यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज का छात्र रह चुका है। वह और अशरफ दोनों साथ पढ़ते थे। यह जानकारी मिलने के बाद शुक्रवार को पुलिस ने उसे बुलाकर घंटों पूछताछ की। पूछा कि आखिर टाउनशिप कंपनी में उसे निदेशक कैसे बनाया गया। अगर टाउनशिप बसाने में वह पार्टनर रहा तो इसके लिए रकम कहां से आई और इस आय का स्रोत क्या था। पुलिस को यह भी पता चला है कि टाउनशिप के लिए जमीन 2012 में एक ट्रस्ट से मिली है। सूत्रों का कहना है कि उससे कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं। कहा गया है कि वह दस्तावेज लेकर पेश हो।

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