टूशन टीचर बनी हत्यारी,सात साल पढ़ाया फिर कर दिया क़त्ल
स्वतंत्रदेश ,लखनऊइसे क्रोध का इंतहा कह लीजिए या भरोसे का कत्ल। जिस रचिता को अपने परिवार का हिस्सा बनाया। एक गार्जियन की तरह सात साल तक पढ़ाया। हर सुख दुख में साथ दिया। उसी ने अपने प्रेमी प्रभात के साथ मिलकर बेटे को मौत के घाट उतारने की पूरी साजिश भी रची। कुशाग्र की हत्या के खुलासे पर कुशाग्र के परिजनों के साथ इलाकाई लोग भी हैरान रह गए। कुशाग्र हत्याकांड के खुलासा हुआ, तो हर किसी का कलेजा कांप गया।पूछताछ में पता चला कि कुशाग्र रचिता और उसके प्रेमी प्रभात से जिंदगी की भीख मांगता रहा पर दोनों को उस मासूम पर तरस नहीं आया। उन्होंने बेरहमी से नारियल की रस्सी से उसका गला घोंटकर हत्या कर दिया। इसके बाद उसके साथ पैर भी उसी रस्सी से बांधकर एक कमरे में फेंक दिया। रायपुरवा के आर्चायनगर स्थित श्री भगवती विला अपार्टमेंट निवासी मनीष कनौडिया शहर के बडे़ कपड़ा कारोबारी हैं।
सूरत में भी कपड़े का बड़ा कारोबार है
उनका पीरोड में कनोडिया मैचिंग, जनरलगंज में मां शितला एजेंसी, लखनऊ में श्री राधे कृष्ण साड़िस व मनीष कुमार सुमीत कुमार एंड संस के नाम से फर्म है। इस फर्म के जरिए वह कपड़े का कारोबार करते हैं। इनका गुजरात के सूरत में भी कपड़े का बड़ा कारोबार है। इसके चलते वह ज्यादा समय सूरत में ही रहते हैं। वहीं, लखनऊ का व्यापार उनके छोटे भाई सुमीत कनौडिया संभालते हैं। मनीष के परिवार में पत्नी सोनिया, दो बेटे कुशाग्र (16), आदी (13) व छह माह की बेटी आरू है।
10 साल से मनीष के परिवार के संपर्क में थी रचिता
मनीष कनौडिया के चाचा ने बताया कि रचिता पिछले 10 साल से मनीष के परिवार के संपर्क में थी। वह पहले कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ाती थी, लेकिन वर्ष 2018 में कुशाग्र के माता-पिता द्वारा उसको पढ़ाना बंद करवा दिया गया था। इसके बाद वह एक साल पहले तक वह कुशाग्र के छोटे भाई आदि को घर आकर ट्यूशन पढ़ाती रही थी। इसके बाद से पढ़ाना बंद कर दिया था। इसके बाद भी लगाव के चलते अक्सर घर आना जाना लगा रहता था।
शादी का खर्च तक उठाने को तैयार थे कुशाग्र के पिता
चाचा संजय कनौडिया ने बताया कि रचिता मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के अंब नंदपुर की रहने वाली है। माता-पिता की मौत के बाद वह फजलगंज में किराये के मकान में रहकर बच्चों ट्यूशन पढ़ाती थी। उसकी अर्थिक स्थित खराब देख मनीष और उसका परिवार उसे हर तहर की मदद करता था। यहां तक की मनीष की पत्नी ने रचिता से शादी तक का उसका खर्च उठाने का वादा किया था। लेकिन रचिता ने पूरे परिवार को विश्वास तोड़ दिया।
13 अक्तूबर को कुशाग्र के जन्मदिन बधाई के बहाने गई थी रैकी करने
परिजनों ने बताया कि 13 अक्तूबर को कुशाग्र का जन्मदिन था। जन्मदिन पार्टी में रचिता अपने प्रेमी प्रभात के साथ उनके घर पहुंची थी। जहां दोनों ने उसे बर्थडे की बधाई देने के साथ ही गिफ्ट भी दिए थे। उस दौरान रचिता ने कुशाग्र से प्रभात की दोस्ती भी करा दी थी। पूछताछ में प्रभात ने बताया कि वह बर्थडे पार्टी के बहाने रैकी करने गए हुआ था। इसके साथ ही उसके आने जाने तक समय भी पता लगा लिया था। इसके बाद उसके हत्या की योजना बनाई।
हत्यारोपियों में एक होमगार्ड का बेटा, तो दूसरा हैलट इमरजेंसी कैंटिन का कर्मचारी
पकड़े गए हत्यारोपियों ने मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला पनकी थाने में तैनात होमगार्ड सुनील शुक्ला का बेटा है। डीएवी से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह लौंग और इलाइची का होलसेल काम करता था, लेकिन पिछले दो साल से वह कुछ नहीं करता है। वहीं उसका साथी शिवा हैलट क इमरजेंसी कैंटिन में कर्मचारी है। जिसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। शिवा ने पुलिस को बताया कि वह रुपये की लालच में प्रभात की बातों में आ गया। इसके बाद उसने फिरौती का पत्र कारोबारी को घर पहुंचा दिया।
ऐसे किया गया खुलासा
कुशाग्र सोमवार शाम करीब 4:30 बजे कोचिंग सेंटर के लिए स्कूटी से निकला था। इसके बाद से लापता हो गया था। परिजन जब उसकी खोजबीन कर रहे थे तभी स्कूटी सवार एक युवक घर में एक पत्र फेंका। इसमें 30 लाख रुपये फिरौती की मांगी गई थी। फिरौती का पत्र इस तरह से लिखा गया था कि संदेह एक विशेष समुदाय के सदस्य पर जाए। परिजनों को अलकायदा के नाम से मिले लेटर में अपहरण की बात कही गई थी। इसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। इस बीच अपार्टमेंट के गार्ड राजन ने एक स्कूटी का नंबर बताया, जिससे पुलिस की जांच को एक नई दिशा मिल गई। इसके बाद मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला और उसकी ट्यूशन टीचर तक पहुंच गई।