उत्तर प्रदेशराज्य

जेल पहुंचे आजम, पुरानी बैरक में रखे गए

 बेटा अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात साल की सजा पाए सपा नेता आजम खां 17 माह बाद फिर सीतापुर जिला कारागार पहुंचे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार सुबह उन्हें कारागार तक लाया गया। इससे पहले सपा नेता आजम खां सीतापुर की जेल में करीब दो साल तीन महीने तक बंद रहें। 88 मुकदमें दर्ज करने के बाद फरवरी 2020 में उनको सबसे पहले जिला कारागार लाया गया था। उनकी पत्नी तंजीम फातिमा, बेटा अब्दुल्ला आजम भी कारागार लाए गए थे। हालांकि इस बार बेटे अब्दुल्ला आजम को हरदोई जेल भेज दिया गया है। वहीं आजम की पत्नी तंजीम फातिमा रामपुर की जेल में बंद हैं।

पुरानी बैरक में रखे गए आजम
जेल अधीक्षक एसके सिंह ने बताया कि आजम खां को उच्च सुरक्षा में रखा गया है। जेल में पांच पुरानी बैरकें हैं। उनमें से एक में ही उनको रोका गया है। एक बैरक में दो लोग रह सकते हैं। रविवार के दिन मिलाई बंद रहती है। इसलिए उनसे कोई नहीं मिल पाया है। नियम यह है कि महीने में सिर्फ चार बार मिलाई हो सकती है। एक मिलाई में तीन लोग ही जाते हैं। 

आजम बोले, हमारा एनकाउंटर हो सकता है…
शासन के निर्देश पर पूर्व मंत्री व सपा नेता आजम खां को रविवार सुबह पांच बजे रामपुर से सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। उनके बेटे अब्दुल्ला को वहीं से हरदोई जेल भेजा गया। जबकि पत्नी तजीन फात्मा को रामपुर जेल में ही रखा गया है। सुबह-सुबह रामपुर जेल से बाहर आते ही आजम का पारा चढ़ गया और गाड़ी पर बैठने से ना-नुकुर करने लगे। कहा कि हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है।

मेरी कमर तकलीफ है, उम्र का तो ख्याल कीजिए
गाड़ी से सीतापुर जाने से इन्कार करते हुए कहा कि मेरी कमर में तकलीफ है, मैं इसमें नहीं बैठ सकता। कम से कम हमारी उम्र का ख्याल तो रखिए। आजम, तजीन और अब्दुल्ला आजम को दो जन्म प्रमाण पत्र के मामले में 18 अक्तूबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात-सात साल की सजा सुनाई थी और तीनों को रामपुर जेल भेज दिया गया था। शासन ने शनिवार रात आजम और अब्दुल्ला की जेल बदलने का आदेश भेजा।

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