उत्तर प्रदेशराज्य

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

स्वतंत्रदेश,लखनऊविश्वहिंदू परिषद के देश भर के शीर्ष पदाधिकारी दो दिन से अयोध्या में जुटे हैं। विहिप के केंद्रीय टोली की बैठक में शनिवार को रामलला की प्राणप्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों पर चर्चा की गई, महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने पर मंथन हुआ। जिस दिन रामलला अपने नए मंदिर में विराजेंगे उस दिन पूरी दुनिया में दीपोत्सव मनेगा। मठ-मंदिर घर-घर में अनुष्ठान होगा। पूरा विश्व महोत्सव का साक्षी बन सके इसलिए लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जाएगी।बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपूर्ण विश्व में आनंदोत्सव के रुप में मनाया जाएगा। बताया कि राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम जन-जन, हर राम भक्त का कार्यक्रम बने देश ही नहीं विदेशों में निवास करने वाले भी इस महाउत्सव में सहभागी हों इसके लिये ही संगठन की दो दिवसीय बैठक रामनगरी में आयोजित की गयी है। 

देश भर के मठ-मंदिरो में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि पर पूजन-पाठ, यज्ञ-हवन, आरती होगी साथ ही हर घर रामभक्त रात में पांच दीपक अवश्य जलाएंगें और करोड़ों भक्तों के बीच प्रसाद वितरण भी होगा। बताया कि पूरे देश में बड़ी स्क्रीन पर कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिससे पूरी दुनिया महोत्सव की साक्षी बन सकेगी।

बैठक में संघ के पूर्व सह सर कार्यवाह भैया जी जोशी, विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, डॉ़ अनिल मिश्र, कामेश्वर चौपाल, विहिप के उपाध्यक्ष जीवेश्वर, संयुक्त मंत्री कोटेश्वर समेत कई प्रांतों के पदाधिकारियों की मौजूदगी रही।

विहिप ने देखी मंदिर निर्माण की प्रगति

 देश भर से आए विहिप के पदाधिकारियों ने रामलला का दर्शन भी किया। शनिवार दोपहर पहले सत्र की बैठक के बाद पदाधिकारियों का समूह ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अगुवाई में रामकोट स्थित कार्यालय से जयघोष करते हुए रामजन्मभूमि परिसर के लिए निकला। सभी पदाधिकारियों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई और मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों को देखा। राममंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र ने बताया कि पदाधिकारी मंदिर की प्रगति से संतुष्ट दिखे और कहा कि यह कार्य जन-जन को एक सूत्र में बांध रहा है। सामाजिक समन्वय के अधिष्ठान के रूप में यह युगों-युगों तक स्मरणीय बनेगा।

22 जनवरी प्राणप्रतिष्ठा का सबसे शुभ मुहूर्त: कामेश्वर

 राममंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल भी अयोध्या पहुंचे हैं। वे विहिप की बैठक में शामिल हुए। पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव अविस्मरणीय बने इसकी तैयारी है। इसको लेकर संघ, विहिप व ट्रस्ट के पदाधिकारी रूपरेखा तैयार करने में जुटे हुए हैं। प्राण प्रतिष्ठा की तिथि के सवाल पर कहा कि अभी तक पीएमओ ने कोई तिथि हमें नहीं बताई है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि जो तिथि पीएमओ को भेजी गयी है उसमें 22 जनवरी की तिथि सर्वोत्तम है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 22 जनवरी को ही प्राणप्रतिष्ठा की तिथि मानकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

विहिप के संरक्षक मंडल सदस्य दिनेशचंद्र ने बताया कि प्रवासी व अप्रवासी भारतीय भी प्राणप्रतिष्ठा का हिस्सा बन सकें इसकी तैयारी की जा रही है। हर जाति,धर्म के लोगों, धर्मगुरूओं को आमंत्रण भेजा जा रहा है। विहिप की बैठक में कार्यकर्ताओं की टोली बनाने पर चर्चा हुयी है। अलग-अलग टोली बनाकर कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। प्राणप्रतिष्ठा का उत्सव हर धर्म के लोग अपनी-अपनी पद्धति से मनाएंगें, ऐसी योजना बन रही है।

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