जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति में पूर्व जज को भी जोड़ा गया
स्वतंत्रदेश, लखनऊ:हापुड़ में पुलिसकर्मियों द्वारा वकीलों पर लाठीचार्ज की जांच को लेकर बनाई गई तीन सदस्यीय समिति में फैमिली कोर्ट के सेवानिवृत्त प्रधान न्यायाधीश हृदयनाथ पांडेय को भी जोड़ा गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी। प्रकरण की जांच के लिए पहले मेरठ कमिश्नर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था जिसमें आईजी मेरठ और डीआईजी मुरादाबाद शामिल थे। अब चार सदस्यीय समिति घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी।उधर, हापुड़ की घटना को लेकर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आह्ववान पर लखनऊ सहित प्रदेश भर में वकीलों ने अदालती कार्य नहीं किया। लखनऊ बार के महासचिव के नेतृत्व में सीएम को डीएम के जरिये ज्ञापन देकर हापुड़ के डीएम-एसपी का तुरंत स्थानांतरण किए जाने, लाठीचार्ज के दोषी पुलिसवालों पर केस दर्ज करने, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट तुरंत लागू करने व घायलों को मुआवजे की मांग की। वकीलों ने धरने के बाद बैठक की। इसमें निर्णय लिया कि बार काउंसिल के आह्वान पर वकील मंगलवार को मुख्य सचिव और पुलिस प्रशासन का पुतला रुकेंगे तथा काम नहीं करेंगे। हड़ताल की पहले से जानकारी के चलते ज्यादातर वादकारी कोर्ट नहीं आए।
ट्रैफिक पुलिस ने लगवाया जाम, एंबुलेंस में मरीज तो बस में सवार यात्री हुए बेहाल
ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही ने सोमवार को शहर में जाम लगवा दिया। आम जनता दो घंटे तक इसमें पिसती रही। प्रदर्शन किए जाने की पहले से जानकारी होने के बावजूद ट्रैफिक डायवर्जन नहीं किया गया। ऐसे में जब दोपहर को प्रदर्शन के लिए अधिवक्ता कचहरी से निकले तो ट्रैफिक पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। फिर अचानक जगह-जगह बैरिकेडिंग के साथ ट्रैफिक परिवर्तन कर दिया गया। इससे चारों तरफ जाम लगा रहा। परिवर्तन चौक, कैसरबाग, शहीद स्मारक रोड व हजरतगंज समेत अन्य इलाकों में वाहनों के पहिये थम गए