मेहमानों के आने-जाने वाले रास्तों की सूरत बदलेगी-G-20 Summit
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मेहमानों के आवागमन वाले मार्गों और उनके ठहरने के लिए तय किए गए होटलों व आयोजन स्थलों के आसपास विभिन्न परिसरों की टूटी दीवार, रेलिंग, जर्जर बिल्डिंग और दिल्ली की खूबसूरती पर लगे दाग दिखाई नहीं देंगे।
इसी तरह उनके आवागमन वाले मार्गों और होटलों व आयोजन स्थल के आसपास मलबा, कबाड़, कूड़ा आदि सामान भी पड़ा हुआ दिखाई नहीं देगा। सजाने-संवारने से वंचित रहने वाले स्थानों को होर्डिंग लगाकर छिपाया जाएगा। जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना कई दिन से नई दिल्ली इलाके में मेहमानों के आवागमन वाले रास्तों के साथ-साथ उनके ठहरने के लिए तय किए गए होटलों और सम्मेलन के आयोजन स्थल के आसपास के इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं। इस दौरान कई सड़कों पर विभिन्न परिसरों की दीवार व रेलिंग टूटी मिली। कई बिल्डिंग भी जर्जर हालत में दिखाई दीं, जबकि आयाेजन के पास भैरों रोड के मध्य खाली पड़े क्षेत्र में भी मलबा व कबाड़ पड़ा हुआ था। उपराज्यपाल ने टूटी दीवारों व रेलिंग और जर्जर बिल्डिंगों को सही करने के संबंध में निर्देश दिए, वहीं भैरों रोड के मध्य खाली क्षेत्र को विकसित करने का आदेश दिया।
इस मौके पर एनडीएमसी व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि टूटी पड़ी दीवारें व रेलिंग और जर्जर बिल्डिंग उनके अधीन नहीं हैं। इस कारण एक ओर वह उनको सही नहीं कर सकते हैं, दूसरी ओर उनको सही करने में काफी समय लगेगा। भैरों मार्ग के मध्य खाली इलाके को भी विकसित करने में हाथ खड़े कर दिए।
बंदरों को रोकने के लिए भी लगेंगे होर्डिंग
एनडीएमसी ने बंदरों की समस्या से निपटने के लिए भी होर्डिंग का सहारा लेने का निर्णय लिया है। सरदार पटेल मार्ग पर रिज एरिया की ओर होर्डिंग लगाए जाएंगे। दरअसल इस रोड पर कई होटल हैं। रिज रोड की ओर सेे सरदार पटेल मार्ग पर बंदर आते रहते हैं। ऊंचे होर्डिंग लगने से बंदरों का उनके ऊपर से आना आसान नहीं होगा।
भारत मंडपम के सामने लगेगी नटराज की अष्टधातु प्रतिमा
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए तैयार प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम के सामने भगवान शिव के नटराज स्वरूप की अष्टधातु की प्रतिमा विराजेगी। अपनी तरह की सबसे विशाल प्रतिमा का निर्माण तमिलनाडु के शिल्पकारों ने किया है। 27 फीट ऊंची और 21 फीट चौड़ी प्रतिमा तैयार करने के लिए 9वीं से 12वीं सदी की तकनीक का प्रयोग किया गया है। भारत मंडपम के मुख्य गेट के सामने इस 15,500 किलो की प्रतिमा को छह फीट के आसन पर स्थापित किया जाना है। यह पानी के बीच में स्थापित होगी। तमिलनाडु से यह प्रतिमा मंगलवार को सड़क मार्ग से साढ़े चार दिन में भारत मंडपम पहुंच गई।
आगरा से नोएडा एक्सप्रेसवे से होते दिल्ली पहुंची : तमिलनाडु से दिल्ली तक करीब 2500 किलोमीटर का सफर साढ़े चार दिनों में तय हुआ है। इसके लिए सभी राज्यों में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। प्रतिमा तमिलनाडु के विभिन्न राज्यों से होते हुए आगरा, यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा, डीएनडी से होते हुए प्रगति मैदान के गेट नंबर छह से भारत मंडपम तक पहुंचाई गई है। तमिलनाडु से शिल्पकार प्रतिमा के साथ ही पहुंचे हैं। प्रतिमा को श्रीकांत सतपति और उनके भाई राधाकृष्णा सतपति ने तैयार किया है।
उपराज्यपाल ने कल समीक्षा बैठक बुलाई
जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। कुछ जगहों पर कुछ काम बाकी हैं जिसे एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 31 अगस्त को इन कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई है। बता दें कि उपराज्यपाल ने सभी संबंधित विभागों-एजेंसियों के प्रतिनिधियों और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जमीनी स्तर पर सभी कार्य संबंधित एजेंसियों द्वारा पूरे किए जा सकें। अब तक इन समितियों की पांच बैठकें हो चुकी हैं। ब्यूरो
जी-20 पार्क में सदस्य देशों के झंडे बने आकर्षण का केंद्र
ग्रेटर कैलाश में एमसीडी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को समर्पित एक हरा-भरा पार्क बनाया है, जिसमें सदस्य देशों के लोगो और उनके झंडे लगाए गए हैं। गोल चबूतरे पर 20 स्तंभों के ऊपर सदस्य राष्ट्रों के झंडे लगाए गए हैं। ग्रेटर कैलाश क्षेत्र के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शिखर सम्मेलन में आने वाले राष्ट्राध्यक्षों और अन्य प्रतिनिधियों का गर्मजोशी से स्वागत किया जाएगा। इसके लिए एमसीडी ने ग्रेटर कैलाश-2 में एम ब्लॉक मार्केट के सामने जी-20 पार्क तैयार किया है। पार्क में एक अर्ध वृत्ताकार चबूतरे पर सदस्य देशों के झंडे लगाए गए हैं। कंकरीट के चबूतरे पर लकड़ी के स्तंभ खड़े किए गए हैं, जिस पर झंडे लगाए गए हैं। इसे एक खास गॉथिक डिजाइन दिया गया है, जोकि स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले इस पार्क को एक ग्रीक एम्फीथिएटर का स्वरूप देने की तैयारी थी। इस परियोजना को दो कलाकारों और 10 मजदूरों ने कुछ महीनों में पूरा किया है। इसके बगीचे में डिजाइनर बागवानी, जिसमें विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए हैं।