क्या संक्रमित व्यक्ति को देखने से फैलता है आई फ्लू?
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:राजधानी दिल्ली-एनसीआर में तेजी से आई फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है। आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस या फिर पिंक आइज की समस्या के रूप में भी जाना जाता है। आंखों में होने वाला ये संक्रमण बैक्टीरियल या वायरल दोनों प्रकार का हो सकता है। डॉक्टर कहते हैं, राजधानी दिल्ली में आई बाढ़ और बारिश के कारण अचानक आंखों की इस बीमारी का खतरा काफी बढ़ गया है। सभी लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है।कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आइज की समस्या के कारण आंखों में लालिमा, खुजली और पानी आते रहने की समस्या होती रहती है। ज्यादातर मामलों में इसके लक्षण हल्के होते हैं पर कुछ स्थितियों में इसके गंभीर रूप लेने का भी खतरा हो सकता है।
दिल्ली में बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले
राजधानी दिल्ली में बढ़े आई फ्लू के मामलों के बारे में समझने के लिए हमने ग्रेटर नोएडा स्थित इंटेंसिव केयर के डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव से बातचीत की। डॉक्टर श्रेय बताते हैं, पिछले 10 दिनों से सामान्य फ्लू और आई फ्लू दोनों के मामले बढ़ रहे हैं। दिल्ली में कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति है साथ ही पर्सनल हाइजीन को लेकर भी काफी लापरवाही देखी जा रही है जिस वजह से आई फ्लू के मामले बढ़ गए हैं।
क्या संक्रमित व्यक्ति को देखने से भी हो सकता है संक्रमण?
डॉक्टर श्रेय बताते हैं, आई फ्लू सिर्फ संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क जैसे व्यक्तिगत चीजों को साझा करने, स्वच्छता का ध्यान न रखने, आंखों की अच्छे से सफाई न रखने या दूषित सतह को छूने के बाद उसी हाथ से आंखों को छूने से होता है। बिना निकट संपर्क के इस संक्रमण के जोखिम नहीं होता है। यह एक आम गलतफहमी है कि किसी की आंखों में देखने से आई फ्लू फैल सकता है। जब तक आप प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में नहीं आते हैं, तब तक इस संक्रमण का जोखिम नहीं होता है।डॉ श्रेय बताते हैं, आई फ्लू के वायरस सतहों जैसे दरवाजे के हैंडल, तौलिये या टिश्यू पर सक्रिय रहते हैं, इसलिए ऐसी किसी भी सतह को छून के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लेना आवश्यक होता है। ज्यादा भीड़-भाड़ वाले वातावरण और संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क के कारण वायरस तेजी से फैल सकता है, ऐसे में बचाव के तरीकों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक हो जाता है।यदि आपमें आई फ्लू के लक्षण दिखे रहे हैं तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से संपर्क करके इलाज कराएं। खुद से ही या ओवर द काउंटर दवाओं या आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल न करें, इससे जोखिम बढ़ सकता है। आंखों में होने वाली कई अन्य समस्याओं में भी आई फ्लू की तरह के ही लक्षण हो सकते हैं, इसलिए लक्षणों के सही कारण को जानना और उसका इलाज कराना आवश्यक हो जाता है।