समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति पर सवाल
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:शासन के 144 समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति सात साल बाद नियमों के पेंच में फंस गई है। सचिवालय प्रशासन विभाग ने पदोन्नति को कार्मिक नियमों के विरुद्ध बताते हुए संबंधित समीक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है। उनसे कहा गया है कि यदि वे एक सप्ताह में अपने पक्ष में कुछ कहना चाहते हैं तो लिख कर दे सकते हैं, अन्यथा निर्णय ले लिया जाएगा।
सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पदोन्नति कोटे के पदों पर सीधी भर्ती व विभागीय के रूप में एक-एक के अनुपात में की जाती है। चयन वर्ष 2015-16 में विभागीय के 144 सहायक समीक्षा अधिकारियों की पदोन्नति की गई थी। नियमानुसार पदोन्नति की संपूर्ण कार्यवाही किसी भी चयन वर्ष में एक जुलाई से 30 जून के बीच पूरी कर ली जानी चाहिए। मगर, चयन वर्ष 2015-16 में विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठक ही 30 जून को हो पाई। नतीजा ये हुआ कि नियुक्ति आदेश 13 जुलाई 2016 को जारी हो सका।
चूंकि, देर से डीपीसी होने में पदोन्नति पाने वाले कर्मियों की कोई गलती नहीं थी, लिहाजा, सचिवालय प्रशासन विभाग ने उस समय कर्मियों को पदोन्नति, डीपीसी की तिथि 30 जून से दी। अब सात साल बाद इसे कार्मिक नियमों के प्रतिकूल बताकर पदोन्नत कर्मियों को नोटिस जारी कर दिया गया है।