उत्तर प्रदेशराज्य

हाईकोर्ट का सख्त आदेश अतिक्रमण हटवाएं

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश की ग्राम सभाओं की सार्वजनिक जमीन से तुरंत अतिक्रमण हटवाने का आदेश राजस्व अफसरों को दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सभी एसडीएम, डीएम, मंडलायुक्त व बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के अधिकारी सतर्क रहें कि ग्राम सभाओं की सार्वजनिक इस्तेमाल की जमीनों पर अतिक्रमण न होने पाए। सरकार को ताकीद किया कि इसको लेकर अफसरों की जिम्मेदारी तय की जाए। यदि कोई अफसर और कर्मचारी इसको बढ़ावा दे तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाए।कोर्ट ने ग्राम सभाओं की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने संबंधी आदेश की कॉपी राजस्व विभाग के एसीएस/प्रमुख सचिव, बोर्ड ऑफ रेवेन्यू समेत सभी डीएम को पालन को भेजने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि जैसे ही किसी ग्राम सभा में अतिक्रमण की सूचना मिले, कानूनन तुरंत उसे हटवा दिया जाय।

न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह फैसला और आदेश हरदोई के तेंदुआ गांव में ग्राम सभा की जमीन पर अतिक्रमण का मुद्दा उठाने वाली नन्हें लाल कनौजिया की जनहित याचिका पर दिया। याची का कहना था कि उनके गांव की सार्वजनिक जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया और हरे भरे पेड़ काट डाले। शिकायत पर डीएम ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर की गई कार्रवाई का ब्योरा पेश किया। कोर्ट ने कहा यह अतिक्रमण का मामला व्यापक जनहित के सरोकार का है। जो प्रदेश के गांवों से जुड़ा है।

राज्य सरकार ने कोर्ट को दी जानकारी
राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। साथ ही कहा कि कोर्ट के पहले के आदेश के तहत प्रदेश भर की ग्राम सभाओं की सार्वजनिक उपयोग की जमीनों से अतिक्रमण हटवाने को सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। इस पर कोर्ट ने सरकार के उठाए गए कदमों और दिशानिर्देशों को भी अपने आदेश में शामिल किया। साथ ही कहा कि सभी राजस्व अधिकारी व कर्मचारी अतिक्रमण हटवाने को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट समेत राजस्व विभाग के निर्णयों व निर्देशों का पालन करने को बाध्य होंगे।

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