उत्तर प्रदेशलखनऊ

इन चार शहरों में नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:सॉफ्टवेयर सेक्टर में यूपी का रुतबा और मजबूत होगा। इसके लिए केन्द्र के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा यूपी के चार और शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क की स्थापना मूर्त रूप लेने लगी है। छोटे शहरों में सॉफ्टवेयर पार्क खोलने का मकसद एक तरफ अपने ही शहर में हाईटेक युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है तो दूसरी तरफ सॉफ्टवेयर निर्यात में तेजी लाना भी है।वर्तमान में कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, नोएडा और मेरठ में सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क हैं। केन्द्र और राज्य की संयुक्त पहल के तहत आगरा, बरेली, गोरखपुर और वाराणसी में भी नए साफ्टवेयर पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में भी ये सभी शहर पास हो गए। काम में तेजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, आगरा सॉफ्टवेयर पार्क अगस्त में शुरू हो जाएगा।

 5000 को मिलेगा रोजगार, घर में ही नौकरी की तैयारी

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों से 5000 को रोजगार
वर्तमान में चल रहे सॉफ्टवेयर पार्कों में 400 इकाइयां कार्यरत हैं। नए सॉफ्टवेयर पार्कों में करीब 200 इकाइयां आने का अनुमान है। प्रत्येक पार्क में न्यूनतम 1200 से 1300 सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स को रोजगार मिलेगा। चुने गए शहरों में पहले चरण में 20-20 हजार वर्गफुट की इमारतों का निर्माण कराया जाएगा। आगरा में पार्क लगभग तैयार है। वाराणसी को छोड़कर बरेली और गोरखपुर में तेजी से काम हो रहा है। फिर मांग के अनुसार उसमें वृद्धि की जाएगी। फिलहाल चारों पार्कों में करीब 80 करोड़ रुपये का बजट निर्माण के लिए रखा गया है।वर्तमान में कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, नोएडा और मेरठ में सॉफ्टवेयर टेक्नोलाजी पार्क हैं। केन्द्र और राज्य की संयुक्त पहल के तहत आगरा, बरेली, गोरखपुर और वाराणसी में भी नए साफ्टवेयर पार्क स्थापित करने की मंजूरी दी गई थी। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में भी ये सभी शहर पास हो गए। काम में तेजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, आगरा सॉफ्टवेयर पार्क अगस्त में शुरू हो जाएगा।

सॉफ्टवेयर निर्यात में लगातार बढ़ रहा यूपी

20-21 में 28 हजार करोड़ के सॉफ्टवेयर का निर्यात
21-22 में 31 हजार करोड़ के सॉफ्टवेयर का निर्यात
22-23 में 34 हजार करोड़ के सॉफ्टवेयर का निर्यात

घर में ही प्रोफेशनल्स के लिए नौकरी की तैयारी
छोटे शहरों के सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स के पास सीमित अवसर हैं इसीलिए अपना घर छोड़कर दूसरी जगह नौकरी करना उनकी मजबूरी है। छोटे शहरों में सॉफ्टवेयर पार्कों की स्थापना का एक मकसद ये भी है कि हर जिले में कम्प्यूटर दक्ष युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खोले जा सकें। वृद्धावस्था में एकाकी जीवन जी रहे बुजुर्ग मां-बाप अपने बच्चों के साथ रहें। दूसरी तरफ सॉफ्टवेयर के निर्यात में यूपी में सालाना 12 फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ है जो बढ़कर 20 फीसदी हो सकता है।

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