तीसरे दिन भी इनकम टैक्स की कार्रवाई जारी
बड़े बुलियन, ज्वैलरी और रियल एस्टेट कारोबारियों पर तीसरे दिन भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई जारी है। शुक्रवार की देर रात तक अधिकारी दस्तावेज, लैपटॉप और लेनदेन से जुड़े लॉगबुक को चेक करने में जुटे रहे। विभाग ने अभी तक 1200 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन के संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं। बड़ी मात्रा में कैश भी बरामद किया जा सकता है।
बढ़ाया गया है सर्च ऑपरेशन का दायरा
सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि कारोबारी नौकर को डीलर दिखाकर सोना-चांदी की बड़ी मात्रा में खरीद-फरोख्त दिखा रहे थे। साथ ही भारी मात्रा में कैश, सोना-चांदी और रियल एस्टेट में खपाए गए काले धन के कागजात मिले हैं। जिनका अब मिलान कराया जा रहा है। जिसे देख सर्च ऑपरेशन को बढ़ा दिया गया है।
कुल 55 ठिकानों पर चल रही है कार्रवाई
बता दें कि कानपुर के 17 ठिकानों समेत लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता के 28 ठिकानों पर आयकर विभाग ने बुधवार सुबह 6 बजे एक साथ छापेमारी की थी। कानपुर के बड़े बुलियन और ज्वैलरी कारोबारी कैलाश नाथ अग्रवाल की राधा मोहन पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स प्रा. लि., उनके भाई अमरनाथ अग्रवाल की राधा मोहान पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स, एमराल्ड के प्रमोटर संजीव झुनझुनवाला के साथ चांदी के दो बड़े कारोबारी के बंगलों पर छापेमारी की गई है।
नौकरों को बनाया गया था फर्जी डीलर
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक, कारोबारियों की फर्म का फॉर्म-60 चेक किया तो सारा खेल सामने आ गया। पता चला कि फर्म से ऐसे लोगों को सोना और चांदी खरीदे या बेचे गए हैं, जो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं कर रहे थे।
फॉर्म-60 से पता चला कि एक ही डीलर से बार-बार सोना-चांदी खरीदा जा रहा था। जब उस डीलर की कुंडली खंगाली गई तो पता चला कि वह कारोबारियों के नौकर हैं। इसी तरह कई अन्य डीलरों की अकाउंट में एंट्री की गई है। अब इनकम टैक्स अधिकारी उनका पता लगा रहे हैं। इसमें दो से तीन दिन का समय लग सकता है।
खंगाले जा रहे हैं अकाउंट से जुड़े दस्तावेज
सभी के मोबाइल बंद करा लिए गए हैं। साथ ही आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधिकारियों ने अकाउंट से जुड़े दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया तो कर चोरी के तार मिलते गए। अधिकारियों को जांच में पता चला कि कारोबारी काफी समय से कैश जमा कर रहे थे। कई बोगस कंपनियों के दस्तावेज भी मिले हैं। इनके जरिए काला धन खपाया जा रहा था। साथ ही टीम ने स्टॉक का मिलान किया तो बड़ा हेरफेर सामने आ गया। अब अधिकारी अकाउंट से मिलान कर रहे हैं। इसमें बड़ा अंतर सामने आ रहा है।