उत्तर प्रदेशराज्य

निगम चुनाव में भाजपा-सपा के बीच रहा मुकाबला

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में सात नगर निगम में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला दिखा। वहीं, वर्ष 2017 में अलीगढ़ और मेरठ नगर निगम में काबिज रही बसपा, सपा के मुस्लिम वोट में सेंध लगाने से ज्यादा मुकाबले में कहीं टक्कर देती नजर नहीं आई। मेरठ और बरेली में मुस्लिम वोट बंटने का फायदा भाजपा को मिलता दिख रहा है। वहीं, अलीगढ़ में मुस्लिम वोट नहीं बंटने से सपा ने स्थिति मजबूत बनाई है।दूसरे चरण के चुनाव में अयोध्या, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, शाहजहांपुर, गाजियाबाद और कानपुर नगर निगम चुनाव में महापौर पद के लिए चुनाव हुआ। वर्ष 2017 में अलीगढ़ और मेरठ को छोड़कर शेष पांच नगर निगम में भाजपा का कब्जा था। बृहस्पतिवार को हुए मतदान में अयोध्या, बरेली, शाहजहांपुर और कानपुर में भाजपा और सपा के बीच ही मुकाबला दिखा। हालांकि 13 मई को साफ होगा कि लोकसभा चुनाव के पूर्वाभ्यास में कौन दल मैदान में टिकता है और कौन बाहर होता है।

अयोध्या- भाजपा और सपा के बीच मुकाबला
अयोध्या नगर निगम चुनाव में महापौर पद पर भाजपा के प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी और सपा के आशीष पांडेय दीपू के बीच सीधी टक्कर दिखी। मतदान के दौरान प्रत्याशी व समर्थक लाख पैर पकड़ते रहे लेकिन मतदाताओं ने अपना मुंह नहीं खोला। इस खामोशी ने राजनीतिक दलों के माथे पर पसीना ला दिया है। एक तरफ जहां चुनाव रोचक बन पड़ा है, वहीं बागी प्रत्याशियों ने भी थोड़ा-बहुत खेल खराब किया है।

बरेली- मुस्लिम वोट बंटा लेकिन जंग भाजपा-सपा के बीच
बरेली में फर्जी मतदान को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। पुलिस को झड़पें शांत कराने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। कई जगहों पर मुस्लिम वोट सपा और बसपा के बीच बंटता दिखा। पर, महापौर चुनाव में भाजपा के डॉ. उमेश गौतम और सपा समर्थित डॉ. आईएस तोमर के बीच सीधा मुकाबला हुआ। बसपा और कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर की लड़ाई लड़ते नजर आए। चुनाव नतीजे ही बताएंगे कि डॉ. उमेश लगातार दूसरी बार महापौर बनते हैं या बरेली की जनता डॉ. आईएस तोमर पर एक बार फिर से विश्वास जताती है।

शाहजहांपुर- भाजपा-सपा में कांटे का मुकाबला
शाहजहांपुर नगर निगम में पहली बार हुए मतदान में भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला हुआ। मुस्लिम बहुल नगर निगम क्षेत्र में भाजपा की अर्चना वर्मा और कांग्रेस की माला राठौर में से पहली महापौर कौन बनेगी यह तो शनिवार दोपहर तक ही पता चलेगा। लेकिन बसपा से शगुफ्ता अंजुम और कांग्रेस से निकहत इकबाल मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में होने के बाद भी मुस्लिम वोटों का ज्यादा बंटवारा नहीं दिखा। कुछ इलाकों में कांग्रेस के प्रति रुझान दिखा लेकिन बसपा मुकाबले में तीसरे और चौथे नंबर के लिए संघर्ष करती नजर आई।

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