उत्तर प्रदेश में बनेंगे 20 नए हाईटेक कारागार
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:उत्तर प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में नई जेलों के निर्माण का निर्णय लिया है, जिसमें प्रदेश के 11 ऐसे जिले चिह्नित किए गए हैं, जहां पर अभी कोई जेल नहीं है। इसके अलावा एक केंद्रीय कारागार और नौ जिलों में दूसरी जेल के निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं कुछ जेलों में बैरकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए योगी सरकार के निर्देश पर शासन ने कारागार विभाग को हरी झंडी देते हुए भारी भरकम बजट जारी कर दिया है। इन जेलों को वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए हाईटेक टेक्नोलॉजी का यूज करते हुए बनाया जाएगा। इसके साथ ही नई जेलों के निर्माण का लक्ष्य 2 से 5 साल का निर्धारित किया गया है।
सीएम योगी ने प्रस्ताव को दी हरी झंडी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग ने अवगत कराया था कि वर्तमान में प्रदेश की केंद्रीय और जिला कारागार समेत कई कारागार में क्षमता से अधिक बंदी हैं। ऐसे में जेल मैनुअल द्वारा प्रदत्त सुविधाएं उपलब्ध कराने और बंदियों के मानवाधिकारों के संरक्षण को देखते हुए नई जेलों की आवश्यकता है। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि वर्तमान में 7 केंद्रीय कारागार में 13,669 बंदियों की क्षमता है जबकि यहां पर 15,201 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 111 प्रतिशत है। इसी तरह 62 जिला कारागार में 49,107 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 95,597 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 194 प्रतिशत है। वहीं 2 उप कारागार में 306 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 664 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 216 प्रतिशत है। महिला केंद्रीय कारागार में 120 बंदियों की क्षमता है, जिसके सापेक्ष 148 बंदी निरुद्ध हैं, जिसका रेश्यो 123 प्रतिशत है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कारागार प्रशासन एवं सुधार विभाग को जल्द से जल्द नई जेलों के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये थे, जिसके बाद विभाग ने प्रदेश के 11 जिलों में नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को सौंपा था। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष दोबारा बैठक होने पर शासन ने नई जेलों के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिसे सीएम ने हरी झंडी दे दी। सीएम योगी का अप्रूवल मिलते ही शासन ने कारागार विभाग को नई जेलों के निर्माण के लिए भारीभरकम बजट जारी कर दिया।