उत्तर प्रदेशराज्य

तीन सदस्यी टीम करेगी इंदिरा ब्रिज की जांच

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:आईटी चौराहे से निशातगंज को जाने वाले इंदिरा ब्रिज के लिए रेलवे, लोक निर्माण विभाग और पीडब्ल्यूडी की तीन सदस्य टीम बनाई गई है। ये टीम तय करेगी कि इस पर वाहन कब से चलेंगे। मौके पर गई टीम को फिलहाल कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं मिली है। ऐसे में उम्मीद है कि इस पर हल्के वाहन का संचालन अगले कुछ दिनों में कर दिया जाएगा। भारी वाहन अभी एक से डेढ़ महीने तक बंद रह सकते है। लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर (सेतु) एसके अग्रवाल के नेतृत्व में लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम और रेलवे के अधिकारियों ने जांच कर यह फैसला लिया है। जांच में पाया गया कि ओवरब्रिज के स्ट्रक्चर में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं थी, जबकि रेलवे भूमि पर स्थित स्टील कॉलम की कॉन्क्रीट में खराबी दिखाई दी, जिसे रेलवे अपने मानक के अनुरूप दुरुस्त करेगा। हालांकि रेलवे पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम के अधिकारियों से सहयोग ले सकता है।

मरम्मत किसने कराया इस होती रही बहस

रेलवे के स्टील कॉलम की कॉन्क्रीट का मरम्मत पहले भी कराया गया है। लेकिन जांच टीम में आए अधिकारियों को यह नहीं पता था कि यह काम किसने कराया है। हालांकि बाद में पता चला कि मेट्रो की तरफ से यह काम कराया गया है। मेट्रो निर्माण के दौरान रेलवे से ही मेट्रो से बोल कर यह काम कराया था। लेकिन इससे भी संबंधित अभी कोई कागज नहीं मिल पा हैं। यह पुल करीब पांच दशक पुराना हो गया है।

पुराने लखनऊ से ट्रांस गोमती को जोड़ने में इस पुल का महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा इंदिरा नगर समेत 15 से ज्यादा इलाकों के छात्र और बाकी लोग एलयू इसी रास्ते से जाते हैं। ऐसे में एक लाख से ज्यादा वाहन यहां से प्रतिदिन गुजरते हैं लेकिन अब उसको बंद कर दिया गया है। दो दिन से वाहन चालकों को छन्नीलाल चौराहा और गोल मार्केट होकर आना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी के मुताबिक रेलवे ट्रैक के ठीक ऊपर इस आरओबी के गर्डर में जंग लगने के साथ दरारें दिखाई दे रही हैं। इस पर रेलवे ने सुरक्षा मानकों पर चिंता जताई थी। ऐसे में आरओबी को एहतियातन बंद किया गया।

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