उत्तर प्रदेशराज्य

उपभोक्ता परिषद ने खोला मोर्चा

स्वतंत्रदेश , लखनऊ;विदेशीकोयलेसे तैयार बिजली को महंगी बेचने के विरोध में उपभोक्ता परिषद ने रेग्युलेटर्स ऑफ फोरम में शिकायत दर्ज कराई है। परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस फैसले पर रोक लगाने की मांग उठाई है। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने फोरम ऑफ रेग्युलेटर के चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात की।

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आयोग का फैसला बिजली उपभोक्ताओं के विरोध में है। ऐसे में फोरम ऑफ रेग्युलेटर्स को इस आदेश पर रोक लगानी चाहिए।

फोरम ऑफ रेग्युलेटर के चेयरमैन यूपी नियामक आयोग चेयरमैन आरपी सिंह हैं। फोरम ऑफ रेग्युलेटर्स को ये अधिकार है कि वो इस आदेश को रोक सकता है।

गर्मी में बढ़ी बिजली की डिमांड
उन्होंने बताया कि विदेशी कोयले और गैस से चलने वाले पावर प्लांट अब अधिकतम 50 रुपए प्रति यूनिट बेच सकेंगे। गर्मी में बिजली की डिमांड बढ़ जाती है। ऐसे में बिजली एनर्जी एक्सचेंज से खरीदनी पड़ती है।

उस दौरान अगर 50 रुपए प्रति यूनिट की बिजली खरीदी जाती है तो काफी महंगा होगा। मांग ज्यादा होने पर अगर उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन इस दर बिजली खरीदता है, तो उसे कई गुना अधिक बिजली की कीमत चुकानी पड़ेगी। यह पैसा उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा। टैरिफ में इसका बोझ बिजली उपभोक्ताओं पर डाला जाएगा।

फैसले पर परिषद ने उठाया सवाल
आयोग के इस फैसले पर उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। हाई प्राइस अहेड मार्केट में जो 50 रुपये प्रति यूनिट की सीलिंग निर्धारित की गई है। वह बहुत ज्यादा है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसी भी हालत में गैस आधारित उत्पादन इकाई की लागत अधिकतम रुपया 20 प्रति यूनिट से अधिक नहीं हो सकती है। विदेशी कोयला आधारित उत्पादन इकाइयों की अधिकतम कीमत 8 रुपए से 9 रुपए प्रति यूनिट से ऊपर नहीं आती है। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले से कुछ निजी घरानों को फायदा मिलेगा।

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