उत्तर प्रदेशराज्य

डॉक्टरों के रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने को लेकर तकरार

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी में शासन के प्रस्ताव को लेकर डॉक्टरों के संगठन का विरोध तेज हो गया हैं। PMS यानी प्रोविंशियल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन की तरफ से महानिदेशक को चिट्ठी लिखने के बाद अब आर पार की लड़ाई की तैयारी हो रही हैं।

वही, दूसरी तरफ शासन की मंशा के अनुसार इस व्यवस्था को लागू करना लगभग तय माना जा रहा हैं। हालांकि मामले के लिए बनाई गई हाईलेवल कमेटी के सदस्य रिटायरमेंट एज को बढ़ाने की हिमायती नही हैं। 7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी की मंगलवार को बैठक आज या कल तक रिपोर्ट महानिदेशक को सौंपी जाएगी।उसके बाद शासन के प्रस्ताव पर महानिदेशक स्तर से जवाब दिया जाएगा।

7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी बनी

मामले में सभी पक्षों की राय जानने के लिए महानिदेशक ने निदेशक डॉ. केएन तिवारी की अगुवाई में 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई हैं। कमेटी के तमाम पहलुओं का गहनता से अध्ययन किया हैं। मंगलवार को बैठक के दौरान सभी सदस्यों की बैठक की हैं। यानी गुरुवार या शुक्रवार तक रिपोर्ट सबमिट की जाएगी। सूत्रों के हवाले से माने तो ज्यादातर सदस्य इस प्रस्ताव के विरोध में रहे हैं।

PMS एसोसिएशन के तर्क ?

प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) ने डाक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 70 वर्ष किए जाने का खुलकर विरोध कर रहा है। एसोसिएशन के पक्ष हैं कि सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की बजाए नई सेवानियमावली, 2020 में बदलाव किया जाए।

इस सेवानियमावली में विशेषज्ञ डॉक्टरों को सीधे लेवल 2 पर भर्ती किए जाने के नियम के साथ ही पदोन्नति के अवसर सीमित कर दिए गए हैं। वहीं, विशेषज्ञ डॉक्टर फिर भी नहीं मिल रहे और जो पहले से हैं उन्हें प्रमोशन मिलना कठिन हो गया है। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरा करने के लिए सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने की बजाए नियमावली बदली जाए। इससे पहले पुरानी सेवानियमावली -2004 में पदोन्नति की अच्छी व्यवस्था थी।

MBBS डॉक्टरों का हो रहा नुकसान

नई सेवानियमावली-2022 लेवल 2 पर PG पास डाक्टरों को सीधे भर्ती किए जाने की व्यवस्था की गई हैं। लेकिन बीते एक वर्ष पहले 3,200 पदों पर विज्ञापन किया गया था और सिर्फ 397 विशेषज्ञ डॉक्टर ही मिल पाए। अगर नई सेवानियमावली इतनी अच्छी है तो विशेषज्ञ डाक्टर क्यों नहीं मिल रहे।

वहीं विशेषज्ञ डाक्टरों के चक्कर में MBBS डाक्टरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब पदोन्नति की राह कठिन हो गई है। क्योंकि एक लेवल से दूसरे लेवल पर प्रोन्नति के लिए एक निर्धारित समयावधि पूरी करना जरूरी कर दिया गया है।

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