उत्तर प्रदेशराज्य

नगर निकाय आरक्षण की 51 याचिकाओं पर सुनवाई आज

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में निकाय चुनाव में OBC आरक्षण लागू किए जाने के मामले की अंतिम सुनवाई है। अब तक 51 जनहित याचिकाओं पर बुधवार को भी सुनवाई हुई। हालांकि‚ समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई बृहस्पतिवार को तय की थी।

25 दिसंबर से कोर्ट में विंटर वैकेशन शुरू हो रहा है। नगर निकाय चुनाव की अगर सुनवाई शुक्रवार तक पूरी होकर फैसला नहीं आया तो फिर जनवरी में इस मामले की अगली सुनवाई होगी। इस वजह से निकाय चुनाव लंबा टलने की संभावना है।

अब तक दाखिल हो चुकी है 51 याचिकाएं

राज्य सरकार की ओर से मामले में जवाबी हलफ़नामा दाखिल किया जा चुका है। इस पर याचियों के वकीलों ने प्रति उत्तर भी दाखिल कर दिए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने रायबरेली निवासी सामाजिक कार्यकर्ता वैभव पांडेय व अन्य की जनहित याचिकाओं पर दिया।

वैभव पांडे के अलावा 51 याचिकाएं और वार्ड आरक्षण को लेकर दाखिल की जा चुकी हैं। फिलहाल अधिवक्ताओं का या मानना है कि सभी याचिकाएं एक ही जैसे मुद्दों की आपत्तियों पर है इसलिए इसको एक साथ ही सुना जा रहा है।

मंगलवार को सरकार के हलफनामे पर याचिकाकर्ताओं ने उठाए थे सवाल

बीते मंगलवार को मामले की सुनवाई के समय राज्य सरकार का कहना था कि मांगे गए सारे जवाब‚ प्रति शपथपत्र में दाखिल कर दिए गए हैं। इस पर याचियों के वकीलों ने आपत्ति करते हुए सरकार से विस्तृत जवाब मांगे जाने की गुजारिश की‚ जिसे कोर्ट ने नहीं माना।

उधर‚ राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने इस मामले को सुनवाई के बाद जल्द निस्तारित किए जाने का आग्रह किया था।

  • यूपी सरकार के वकील ने हलफनामा देकर सभी का जवाब राज्य सरकार ने दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव मामले में 2017 में हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सर्वे को आरक्षण का आधार माना जाए।
  • सरकार ने कहा कि इसी सर्वे को ट्रिपल टेस्ट माना जाए।कहा गया कि ट्रांसजेंडर्स को चुनाव में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

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