उत्तर प्रदेशराज्य

पैनिक होने की नही,अलर्ट रहने की जरूरत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:चीन समेत दुनिया के तमाम देशों में बेकाबू कोरोना की दहशत यूपी तक आ पहुंची हैं। मंगलवार को केंद्रीय मंत्रालय से लेटर जारी होने के बाद यूपी में भी अलर्टनेस को लेकर कई निर्देश जारी हुए। इस बीच राज्य में हाई लेवल बैठकों का दौर भी शुरू हो चुका हैं। आज सीएम योगी टीम 9 और स्टेट हेल्थ कमेटी के मेंबर के साथ बैठक करने जा रहे हैं। इस दौरान यूपी में इस वायरस से बचने और इसको फैलने से रोकने के उपाय पर अहम निर्णय लिया जा सकता हैं।UP में अब तक कुल 14.77 करोड़ लोगों को दोनों डोज लग चुकी हैं। वही बूस्टर डोज 4.48 करोड़ को लगी है। बड़ी बात ये हैं कि 12 साल से 17 साल के बीच के 90% से ज्यादा बच्चों में भी कोरोना की दोनों डोज लग चुकी हैं। हर लिहाज से यह वो आंकडे हैं, जो राहत देने के साथ उम्मीद जगाते हैं कि प्रदेश में 2nd वेव से पहले से हम ज्यादा मजबूत और बेहतर स्थिति में हैं।

KGMU यानी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के वायरल डिजीज एक्सपर्ट और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु डी कहते हैं कि विदेशों में तेजी से फैल रहे कोरोना का यूपी पर क्या असर होगा, यह कह पाना अभी मुश्किल हैं पर हालात वापस से अलर्ट मोड़ पर आने का इशारा कर रहे हैं।CAB यानी कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का फिर से पालन करने की जरूरत हैं। इसको पालन करके हम सेफ रह सकते हैं। सभी प्रोटोकॉल फॉलो करना जरूरी हैं। एहतियात बरतने में लापरवाही भारी पड़ सकती हैं।

कोरोना के किसी भी संभावित अटैक से बचने के लिए प्रदेश में बेहतर हेल्थ और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर हैं। KGMU में कोविड ट्रीटमेंट के नोडल अफसर डॉ. हिमांशु डी कहते हैं कि सेकेंड वेव में हम सबसे कठिन दौर से गुजर चुके हैं। अब हमारे यहां का मेडिकल और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर भी पहले से बेहतर हैं।

अस्पतालों में पहले से ज्यादा वैंटिलेटर और बाईपेप मशीनें हैं। टेस्टिंग फैसिलिटी के साथ ज्यादा लैब तैयार हैं। जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध हैं। यहां तक हमारी ज्यादातर आबादी यानी आम पब्लिक कोरोना प्रोटोकॉल और डूज-डोंटस से वाकिफ हैं। कुल मिलाकर हम पहले से बेहतर स्थिति में हैं। बस अलर्ट रहने की जरूरत हैं।

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