उत्तर प्रदेशराज्य

योगी ने नमामि गंगे बोर्ड की मीटिंग

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रारंभ होने से पहले तक मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा। नदियों को सीवरेज के गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एसटीपी लगाए जाने की कार्यवाही में तेजी की अपेक्षा है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वर्ष 2019 में राष्ट्रीय गंगा परिषद की प्रथम बैठक कानपुर में सम्पन्न हुई थी। अब आगामी 30 दिसम्बर को द्वितीय राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक प्रस्तावित है। आवश्यक तैयारी समय से पूरी कर ली जाए।

समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए दिशा निर्देश

  • गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई : माँ गंगा, उत्तर प्रदेश को प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार हैं। गंगा के बहाव के सर्वाधिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है। यह हमारी आस्था का केंद्र बिंदु हैं तो अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार भी हैं। गंगा व सहायक नदियों को अविरल-निर्मल बनाने के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जारी ‘नमामि गंगे परियोजना’ के अत्यंत संतोषप्रद परिणाम देखने को मिले हैं। गंगा व सहायक नदियों की स्वच्छता के इस अभियान में केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों में जनसहयोग भी प्राप्त हो रहा है। आज गंगा नदी में डॉल्फिन की वापसी हुई है तो तकनीक का प्रयोग कर नदियों को स्वच्छ बनाया जा रहा है।
  • कानपुर में बना सेल्फी प्वाइंट : नमामि गंगे परियोजना गंगा के साथ साथ सहायक नदियों के लिये भी है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में यहां अभूतपूर्व कार्य हुआ है। कानपुर के जाजमऊ और सीसामऊ में गंगाजी में गंदे पानी को गिरने से रोकने के लिये प्रभावी प्रयास किया गया है। आज यह सेल्फी पॉइंट बन गया है।
  • विषाक्त पदार्थों को बचाने के लिए एसटीपी लगाया जाए : प्रयागराज कुंभ 2025 के प्रारंभ होने से पहले तक मां गंगा को अविरल-निर्मल बनाने का संकल्प पूर्ण करना होगा। नदियों को सीवरेज के गंदगी और पानी को विषाक्त होने से बचाने के लिए एसटीपी लगाए जाने की कार्यवाही में तेजी की अपेक्षा है। गंगा सहित सभी नदियों की अविरलता, निर्मलता सुनिश्चित करने के लिए नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए और प्रयास किए जाएं।
  • गंगा का घरेलू उत्पाद में 3% योगदान : माँ गंगा अनादिकाल से हमारी आस्था का केंद्र रही हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में अब यह आस्था के साथ अर्थव्यवस्था का अवलंब भी बन रही हैं। ‘अर्थ गंगा’ अभियान का सर्वाधिक लाभ उन करोड़ों लोगों को होगा जिनकी आजीविका गंगा पर ही निर्भर है। अर्थ गंगा से सकल घरेलू उत्पाद में 3% का योगदान होने के लक्ष्य के साथ हमें ठोस प्रयास करना होगा। विशेषज्ञों की सहायता से इसे एक मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किये जाएं।

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