उत्तर प्रदेशराज्य

SIT जांच 7 दिन में पूरी नहीं हो पाई-हाथरस केस

स्वतंत्रदेश,लखनऊ : उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप के मामले की जांच कर रही SIT सात दिन में जांच पूरी नहीं कर पाई। SIT को आज रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन अब सरकार ने उसे 10 दिन का वक्त और दे दिया है। SIT की आज लगातार दूसरे दिन पीड़ित के गांव पहुंची।

योगी सरकार ने 29 सितंबर को SIT बनाई थी। सरकार ने CBI जांच की सिफारिश भी की है।

सपा प्रवक्ता ने जांच का समय बढ़ाने पर सवाल उठाए

अब इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने जांच का समय बढ़ाए जाने पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार कोई भी काम तय समय में पूरा नहीं कर रही। सात दिन में जांच करने का समय दिया गया था। अब 10 दिन का समय और मांग रही है। इसका मतलब कोई गड़बड़ तो है।

100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज हुए
SIT जांच टीम में आईएएस अधिकारी भगवान स्वरूप के अलावा डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि SIT ने अपनी जांच के दौरान 100 से ज्यादा लोगों के बयान लिए हैं। इसमें पीड़ित के परिवार के अलावा आरोपियों‚ पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के बयान भी शामिल हैं। इस मामले में कुछ और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। हाथरस के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी पहले ही सस्पेंड किए जा चुके हैं।

हाईकोर्ट में 12 अक्टूबर को सुनवाई होनी है

SIT की जांच का दायरा और समय यूं ही नहीं बढ़ाया गया, इसकी वजह है। जानकार बताते हैं कि SIT हाथरस मामले में PFI कनेक्शन और आरोपियों के पक्ष में बुलगढ़ी गांव में हो रही लामबंदी की जांच भी कर रही है। सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश भी की है। लेकिन अभी तक गृह मंत्रालय की तरफ से मंजूरी नहीं मिली है। इस बीच 12 अक्टूबर को हाईकोर्ट में इस केस में सुनवाई होनी है। मंगलवार को जिला जज की अगुवाई में न्यायिक टीम ने गांव पहुंचकर जांच की थी, जो अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट भेजेगी।

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