वायरल फ्लू से अस्पताल फुल
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश वायरल फीवर से कराह रहा है। अस्पतालों में बुखार के मरीजों की लंबी लाइन लगी हैं। OPD से लेकर वार्ड तक भर्ती होने वाले मरीजों की बेहिसाब तादाद भी इसकी तस्दीक कर रही है। नौनिहालों से लेकर बुजुर्ग तक लगभग सभी उम्र के लोग बुखार की चपेट में आ रहे हैं।
इस बीच कोरोना के बढ़ते मामलों ने भी चिंता बढ़ाई है। ज्यादातर मरीज कोरोना और वायरल फ्लू को लेकर कंफ्यूजन में हैं। हालांकि, विशेषज्ञ इस मौसम को लेकर पहले भी सचेत करते रहे हैं। अब हालात बिगड़ते देख अधिकारी टेस्टिंग और ट्रीटमेंट में तेजी लाने पर जोर देते नजर आ रहे हैं।KGMU के सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के चीफ डॉ. एके त्रिपाठी के मुताबिक, “वायरल फीवर के अटैक का यह सबसे मुफीद समय है। यही कारण है कि सतर्कता बेहद जरूरी है। अगले 30 दिनों तक बेहद सावधानी बरतनी होगी। कोरोना और वायरल फीवर के लक्षणों में भी फर्क है। इसके उपचार में भी भिन्नता है। बुखार आने पर चिकित्सकीय इलाज के बिना खुद से दवा लेने की लापरवाही भारी पड़ सकती है।”
कोरोना के लक्षण
बुखार, नाक बंद के साथ जुखाम, गले में खराश या इंफेक्शन, बदन दर्द, पेट से जुड़ी समस्या होना।
वायरल फीवर के लक्षण
लगातार तेज बुखार आना। ठंड लगकर बुखार का बने रहना। सर दर्द और बदन दर्द, जुखाम के भी कुछ लक्षण हो सकते हैं।
बचाव
मास्क लगाएं। इंफेक्शन से बचने के लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन जरूर करें। भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बिना काम के घूमने जाने से बचें। बरसात में भीगने से बचें। रेगुलर हैंडवॉश करते रहे और सैनिटाइजर का प्रयोग भी करें। बाहर बने खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें। बाजार में कटे फल भी न खाएं।
- बुखार आने पर पैरासिटामोल लें।
- अगर लगातार बुखार बना रहता है, तो 5 से 6 घंटे के अंतराल पर दोबारा बुखार की दवा ले सकते हैं।
- एक-दो दिन से ज्यादा बुखार रहता है, तो किसी एक्सपर्ट चिकित्सक से जरूर सलाह लें।
- लक्षण दिखने पर कोविड जांच भी कराएं। सरकारी अस्पतालों में इसकी फ्री टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है।
- ध्यान रहे, हालत गंभीर होने का इंतजार न करें। जरूरत पड़े, तो तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती हो जाएं।
- वायरल फीवर का असर 5 दिन तक रहता है, इस दौरान लिक्विड डाइट पर रहें।