उत्तर प्रदेशराज्य
यूपी के दो हजार डाक्टरों-कर्मियों की संबद्धता खत्म
:स्वतंत्रदेश, लखनऊ:अस्पतालों में मरीजों को इलाज और सुविधाएं देने की जगह आफिसों में जोर-जुगाड़ के दम पर काम कर रहे दो हजार डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की संबद्धता खत्म कर दी गई है।
डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की संबद्धता खत्म करने के आदेश जारी
- इसमें 800 डाक्टर और 1200 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. लिली सिंह की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं।
- इस निर्णय से अस्पतालों में डाक्टरों व कर्मियों की कमी दूर होगी और उन्हें बेहतर इलाज दिलाया जा सकेगा।
- प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के डाक्टरों, पैरामेडिकल कर्मियों व लिपिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशालय, परिवार कल्याण महानिदेशालय, राज्य प्रशिक्षण संस्थान और जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कार्यालय आदि से संबद्ध हैं।
अस्पतालों में दूर होगी डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी
- ऐसे में अस्पतालों में डाक्टर के साथ-साथ फार्मासिस्ट, ईसीजी टेक्नीशियन व लैब टेक्नीशियन आदि की कमी होने के कारण उपचार व जांच करने में कठिनाई आती है।
- शासन की ओर से बीती 13 जुलाई को इसके निर्देश जारी किए गए थे। अभी तक अस्पतालों के निदेशक, मंडलीय अपर निदेशक व सीएमओ की ओर से इनकी संबद्धता
- खत्म कर मूल तैनाती स्थल पर नहीं भेजा गया है।
- ऐसे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. लिली सिंंह की ओर से नाराजगी जताते हुए तत्काल इन्हें कार्य मुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
दो हजार डाक्टरों (Doctor) व स्वास्थ्य कर्मियों की संबद्धता होने से इलाज के आभाव में तड़प रहे मरीजों को अब समय पर जरूरी चिकित्सा सेवाएं दी जा सकेंगी और डाक्टरों की कमी झेल रहे अस्पतालों की भी समस्या दूर होगी।