उत्तर प्रदेशलखनऊ

डाक्टरों के कार्यमुक्त होने से अस्पतालों में इलाज का संकट

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग में हुए डाक्‍टरों के तबादलों के बाद से ज‍िला अस्‍पतालों में इलाज का संकट खड़ा हो गया है। मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ ने डाक्‍टरों के तबादलों में हुई गड़बड़ि‍यों के मामले में जांच टीम गठ‍ित कर र‍िपोर्ट मांगी थी। आज जांच टीम मुख्‍यमंत्री को तबादलों में गड़बड़‍ियां क‍िन वजहों से हुईं इसकी र‍िपोर्ट सौंप सकती हैं।

प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के डाक्टरों के तबादले में हुई गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट अब तक न आने से चिकित्सकों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। लेवल वन के 265 में से करीब दो सौ से ज्यादा डाक्टर गुरुवार तक कार्यमुक्त कर दिए गए। गड़बड़ी का आरोप लगा रहे डाक्टरों को उम्मीद है कि आगे रिपोर्ट के आधार पर संशोधन हो सकता है।

ऐसे में उन्होंने नई जगह जाकर पदभार नहीं संभाला है। ऐसे में अस्पतालों में इलाज करने का संकट खड़ा हो गया है। मुजफ्फरनगर के जिला महिला अस्पताल के रेडियोलाजिस्ट डा. किशोर आहूजा का स्थानांतरण शामली किया गया है। इनके कार्यमुक्त होने से मुजफ्फरनगर में रेडियोलाजिस्ट नहीं बचा। इस पद पर अब तक किसी ने ज्वाइन नहीं किया। ऐसे में यहां जांच का संकट खड़ा हो गया है।

रायबरेली में डा. अल्ताफ हुसैन एकमात्र रेडियोलाजिस्ट थे, इनका बरेली स्थानांतरण हो गया। अब यहां भी एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन नहीं हो पा रहा है। प्रयागराज के जिला अस्पताल में चार स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ थीं और चारों का तबादला कर दिया गया। अब अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ही एकमात्र स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ के रूप में बची हैं।

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