तबादलों में गड़बड़ियों पर निलंबित
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:लोक निर्माण विभाग में तबादलों में गड़बड़ियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने मंगलवार को विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता समेत पांच अधिकारियों-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित किए जाने वालों में मनोज गुप्ता के अलावा प्रमुख अभियंता राकेश सक्सेना, वरिष्ठ स्टाफ अफसर शैलेंद्र यादव, प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्थापन पंकज दीक्षित और प्रधान सहायक व्यवस्थापन संजय चौरसिया हैं। निलंबन के बाद मनोज और राकेश को जहां प्रमुख सचिव लोनिवि के कार्यालय से संबद्ध किया गया है, वहीं शैलेन्द्र यादव को प्रमुख अभियंता के कार्यालय से संबद्ध किया गया है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में निलंबित अभियंताओं के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही करने और सचिव स्तर से अधिकारी से जांच कराने की भी सिफारिश की गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर तबादला घोटाले की जांच कर रही समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है।
पीडब्ल्यूडी में तबादला घोटाले में अब तक कुल 6 लोगों पर गाज गिर चुकी है। सोमवार को सरकार ने लोनिवि मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए केंद्र को वापस कर दिया था और उनके खिलाफ सतर्कता जांच की संस्तुति भी की गई है। बता दें कि लोनिवि विभाग में अभियंताओं के तबादले में घोर अनियमितता की शिकायत उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे गंभीरता से लिया था और इसकी जांच के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस समिति में अपर मुख्य सचिव गन्ना विकास संजय भूसरेड्डी और अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी भी शामिल थे।
जांच समिति ने इस मामले की प्रांरभिक जांच पूरी करके 16 जुलाई को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए सभी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी आधार पर ही अब स्थानांतरण घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है।
कई और दिग्गजों पर भी गिर सकती है गाज
सूत्रों के मुताबिक जांच रिपोर्ट में विभाग के कई और दिग्गजों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है। खास कर स्थानांतरण का प्रस्ताव तैयार और परीक्षण करने वालों के साथ साथ कई और अधिकारी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटाया भी जा सकता है।