उत्तर प्रदेशराज्य

पक्षकार ने दाखिल की आपत्ति

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में वादीगण एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह और अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी द्वारा सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में केस के स्थायित्व को लेकर चल रही सुनवाई पर अपनी आपत्ति दाखिल की गई। इन आपत्तियों का अवलोकन करने के लिए शाही ईदगाह और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अवलोकन का समय मांगा है। अदालत ने अब विपक्षीगणों को अपनी आपत्ति दाखिल करने के लिए 11 जुलाई का समय दिया है।

अब 11 जुलाई को होगी सुनवाई

दरअसल, श्रीकृष्णजन्म भूमि-ईदगाह प्रकरण में वादीगण एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह व राजेंद्र माहेश्वरी को विगत तारीख पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की न्यायाधिकारी ज्योति सिंह द्वारा वादीगण को 7 रूल 11 सीपीसी (केस के स्थायित्व से संबंधित धारा) पर आपत्ति दाखिल करने का समय दिया गया था। बृहस्पतिवार को वादीगण द्वारा इस पर लिखित आपत्ति दाखिल की गई, जिसमें उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के  केस जिला जज की अदालत द्वारा उपासना स्थल अधिनियम संबंधी आदेश का हवाला दिया। जिसके बाद शाही ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि उनके 7 रूल 11 की काफी समय से चल रही सुनवाई पर पक्षकार द्वारा 1 बजकर 35 मिनट अपनी आपत्ति दाखिल की गई। वादीगण जानबूझ कर तरह-तरह के प्रार्थनापत्र इस सुनवाई को टालने के उद्देश्य से देते रहते हैं। हम अवलोकन के बाद 11 जुलाई को इस पर अपनी आपत्ति दाखिल करेंगे। 

एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मुस्लिम पक्ष 7 रूल 11 पर सुनवाई के बहाने केस को लटकाने का प्रयास कर रहा है। पूर्व में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से संबंधित एक अन्य दावा जो अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री सहित कई कृष्ण भक्तों द्वारा दाखिल किया है। उसके रिवीजन को स्वीकार करते हुए जिला अदालत ने कहा था कि यहां उपासना स्थल अधिनियम और लिमिटेशन एक्ट लागू नहीं होता और भक्त को भगवान की प्रॉपर्टी के लिए दावा दायर करने का अधिकार है। फिर भी बार-बार मुस्लिम पक्ष यही दलील दे रहा है और 7 रूल 11 पर फिर से बहस चाहता है। एडवोकेट राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि विपक्षीगण द्वारा कोर्ट कमीशन की मांग से घबराकर 7 रूल 11 के बहाने बचा जा रहा है। अदालत पहले ही जब इस संबंध में निर्णय दे चुकी है तो उस पर दोबारा बहस करने का कोई मतलब नहीं है। विपक्षीगण की ओर से अधिवक्ता जीपी निगम, नीरज शर्मा, अबरार, सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे। 

एक और केस पेश

श्रीकृष्ण जन्मस्थान ईदगाह प्रकरण में एक और वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सामने पेश हुआ है। यह वाद अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष दुष्यंत सारस्वत ने किया है। उनके द्वारा कहा गया है कि वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के मध्य 13.37 एकड़ जमीन को लेकर समझौता हुआ था। जबकि 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम से है। अदालत ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 21 जुलाई की तारीख तय की है।

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