उत्तर प्रदेशराज्य

सड़कों की परियोजनाओं पर ‘जंगल’ का ब्रेक

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी में सड़कों की 23 बड़ी परियोजनाओं पर ‘जंगल’ का ब्रेक लग गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को एनओसी न मिल पाने से इन पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इनमें अप्रैल-2021 से पेंडिंग मामले भी है। एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि हर बार फाइल पर कोई नया सवाल लगा दिया जाता है, जिससे परियोजनाओं में विलंब हो रहा है। पहली बार में ही सभी सवाल एक साथ पूछ लिए जाएं तो फाइल की रफ्तार काफी बढ़ सकती है। 

एनएचएआई को एनओसी न मिल पाने से इन पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा।

बागपत में एनएच-709 ए के मेरठ-शामली-हरियाणा बॉर्डर तक फोर लेन परियोजना के लिए 10 अप्रैल 2021 को फॉरेस्ट क्लीयरेंस के लिए आवेदन किया गया था, लेकिन अभी तक मामला अटका हुआ ही है। इस आवेदन पर इस साल पहले 27 अप्रैल को और फिर 24 मई को क्वेरी लगाई गई। बागपत परियोजना इकाई के तहत एनएच-44 और मुजफ्फरनगर बाईपास के काम में भी फिलहाल यही स्थिति बनी हुई है।

एनएच-74 पर बरेली-सितारगंज के बीच पहले 28 मार्च 2022 और फिर 28 मई 2022 को वहां के डीएफओ कार्यालय ने संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट न मिलने से संबंधित क्वेरी लगाई। जबकि एनएचएआई का कहना है कि इन मामलों में जवाब क्रमश: 2 मई और 7 जून को दिया जा चुका है। यह फाइल भी फिलहाल बहुत ही धीमी गति से आगे बढ़ रही है। इस सड़क के दूसरे पैकेज में भी इसी तरह की दिक्कत आ रही है।

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