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8 बार मां को तड़पते देखा, PUBG हत्याकांड

स्वतंत्र देश, लखनऊ:लखनऊ के PUBG हत्याकांड में मां की हत्या करने वाले नाबालिग बेटे ने कबूला कि उसने रात को 2 बजे मां को गोली मारी थी, लेकिन दोपहर 12 बजे तक वो जिंदा रहीं, तड़पती रहीं। मौत होने के इंतजार में वो बार-बार दरवाजा खोलकर मां को तड़पते हुए देखता था। फिर कमरे का लॉक बंद कर देता था।एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस, काशिम आब्दी ने बताया की साधना सिंह की हत्या करने वाले उसके 16 साल के बेटे से दोबारा पूछताछ की गई। इसमें उसने बताया कि 4 जून शनिवार की रात वह मां के साथ ही सोया था। पिस्टल उसी कमरे की अलमारी में रखी थी। मां के सिरहाने से चाबी निकालकर करीब 2 बजे अलमारी से पिस्टल निकाली। पिस्टल के साथ ही मैगजीन और बुलेट रखे थे। मैगजीन लोड करते हुए हाथ कांप रहे थे, क्योंकि इसके पहले कभी रियल गन नहीं चलाई थी।

पुलिस और परिवार का कहना है कि मां साधना बेटे को PUBG खेलने से रोकती थीं, इसलिए नाराजी में उसने मां की हत्या कर दी।

कातिल बेटे ने पुलिस को बताया कि गोली लगने के बाद मां बेड पर छटपटाने लगी। उसे वह उसी हालत में छोड़कर बहन को लेकर दूसरे कमरे में चला गया। दूसरी गोली मारने की इच्छा नहीं हुई। इसलिए मां के मरने का इंतजार करने लगा। हर घंटे कमरे में जाता और मां को तड़पते देखता, लेकिन मन में एक बार भी ख्याल नहीं आया कि उनकी जान बचाई जाए।

हर बार पास जाकर नाक पर हाथ रखकर देखता था कि सांस रुकी कि नहीं। 10 घंटे में 8 बार उनकी सांस चेक की। दोपहर 12 बजे आखिरी बार गया तो मां के शरीर मे कोई हरकत नहीं थी। सांस भी थम चुकी थी। तब जाकर बेटे को भरोसा हुआ कि मां अब मर चुकी है। साधना के घर से पीजीआई अस्पताल की दूरी 2 किलोमीटर होगी। गोली सिर के पार हो गई थी। अगर समय से इलाज मिला होता तो पूरी संभावना थी कि जान बच जाती। ADCP कहते हैं कि आरोपी बेटे ने जब यह जानकारी दी तो गुस्से के साथ अफसोस भी हुआ कि काश कोई होता जो पुलिस को सूचना दे देता।

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