बयान पर नोकझोंक के बीच सपा का बहिर्गमन
स्वतंत्रदेश, लखनऊ:महंगाई के मुद्दे पर सदन का काम रोक कर चर्चा कराने की मांग को लेकर गुरुवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विधान सभा से बहिर्गमन किया।
सपा के मनोज कुमार पांडेय और राकेश प्रताप सिंह ने महंगाई के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। पांडेय ने कहा कि बेतहाशा बढ़ती महंगाई से गरीब लोग संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई पर काबू पाने में असफल है। यदि सरकार इसे नियंत्रित नहीं करेगी तो लोग आत्महत्या और पलायन करने के लिए मजबूर होंगे।गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि महंगाई का मुद्दा केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां कोरोना महामारी के दौरान किसी की भी भुखमरी से मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा हो, वहां भुखमरी से कैसे मौत हो सकती है। इस मुद्दे पर सपा सदस्यों और सत्ता पक्ष के बीच नोंकझोंक हुई। सपा सदस्य विरोध में सदन से बाहर चले गए।
बुधवार को संशोधन प्रस्ताव के दौरान अखिलेश सामने बैठे उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मुखातिब होकर बोले थे कि जनता ने तो इनकी गर्मी निकाल दी। उनका इशारा विधान सभा चुनाव में केशव की हार से था। फिर बोले कि आप दोबारा उप मुख्यमंत्री बन गए तो किसकी गर्मी निकल गई। ऐसा कहते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को देखा लेकिन योगी चुपचाप मुस्कुराते रहे।
अखिलेश की बात पूरी होने के बाद सरकार की ओर से जवाब देने के लिए केशव उठे थे। उन्होंने कहा था कि न जाने आपको कौन सा रोग है कि आप हमेशा अपनी सरकार के पांच साल का गुणगान करते हैं। आप पहले अपनी जांच करा लीजिए। आप पांच साल सत्ता से बाहर रहे हैं, फिर पांच साल के लिए बाहर हुए हैं और अभी 25 साल आपका नंबर नहीं लगना है। जबकि आपकी तमाम कोशिशों के बावजूद योगी आदित्यनाथ दोबारा मुख्यमंत्री और मैं उप मुख्यमंत्री की कुर्सियों पर बैठे हैं।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य उत्तेजित हो गए थे। स्थिति की संवेदनशीलता को भांप कर मुख्यमंत्री खड़े हुए और उन्होंने कहा कि पूरा सदन एक घंटे से अधिक समय तक नेता प्रतिपक्ष को सुनता रहा। अब जब उप मुख्यमंत्री सदन में अपनी बात कह रहे हैं तो एक सम्मानित नेता के लिए ओछे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी सरकारों को अपने कार्यों के बारे में बताने का अधिकार है।