उत्तर प्रदेशराज्य

हाईकोर्ट का अहम फैसला

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:एक बार विवाद शुरू होने के बाद पति-पत्नी केबीच कोई भी समझौता कोर्ट के बाहर होता है तो उससे अदालत का आदेश समाप्त नहीं हो जाता है। बशर्तें बाहर हुए समझौते की मंजूरी कोर्ट से न मिली हो। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ कर रही थी।

कोर्ट के बाहर हुए समझौते से अदालत का आदेश नहीं होते खत्म

हाईकोर्ट ने डाक्टर दंपति के बीच अलगाव के विवाद के बीच बच्चे की अभिरक्षा 10 साल की आयु तक मां को सौंपी थी। बाद में पति-पत्नी में साथ रहने का समझौता हो गया। वे दोनों साथ रहने लगे। लेकिन यह साथ ज्यादा दिन नहीं चला। उनके बीच फिर से झगड़ा होने लगा तो पत्नी ने घर छोड़ दिया। मगर पति ने बच्चा जबरन अपने आप रख लिया। ऐसे में पत्नी डॉ. श्वेता गुप्ता ने बच्चे की अभिरक्षा नहीं सौंपने पर पति डॉ. अभिजीत कुमार व अन्य के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का केस दायर किया।

कोर्ट ने कहा कि अभिरक्षा का अधिकार 10 साल तक मां को कोर्ट ने सौंपा है। कोर्ट के बाहर हुए समझौते से आदेश खत्म नहीं होगा। कोर्ट ने बच्चे की इच्छा पूछी कि वह किसके साथ रहना पसंद करेगा तो उसने मां केसाथ जाने की इच्छा जताई। इस पर कोर्ट ने बच्चे को मां को सौंप दिया। कोर्ट ने कहा कि 10 साल की उम्र तक बच्चा मां की अभिरक्षा में रहेगा। हाईकोर्ट ने विपक्षी पति से एक महीने में याचिका पर जवाब मांगा है। 

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