उत्तर प्रदेशराज्य

हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पालीटेक्निक चौराहा और साथ ही शहीद पथ-अयोध्या रोड चौराहे पर अक्सर जाम लगने से कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने इस संबध में पांच साल पहले पारित आदेश का अनुपालन न होने पर राज्य सरकार और अन्य संबधित विभागों के अधिकारियेां को प्रथमदृष्टया अवमानना का दोषी मानते हुए उन्हें नोटिस जारी की है।

लखनऊ में पालीटेक्निक और शहीद पथ-अयोध्या क्रासिंग पर जाम लगने से हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है।

कोर्ट ने यूपी स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के एमडी से स्पष्ट करने को कहा है कि रोक लगाने के बावजूद पालीटेक्निक चौराहे पर सवारियों को कैसे चढ़ने-उतरने दिया जाता है। कोर्ट ने उनसे पूछा है कि इसे रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। इससे पहले कोर्ट ने पाया कि जाम के कारण आम लोगों और अधिवक्ताओं को कोर्ट पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

यह आदेश जस्टिस आलोक माथुर की एकल पीठ ने संजय कुमार वर्मा की ओर से दायर एक अवमानना याचिका पर पारित किया। कोर्ट ने पांच जुलाई 2017 को हाई कोर्ट के इर्दगिर्द जाम की भारी समस्या का स्वत: संज्ञान लिया था। मुख्य सचिव को सभी विभागों के सचिव स्तर के अधिकारी की एक कमेेटी बनाकर इस मसले पर उचित कार्रवाई करने को कहा था।

कोर्ट ने तब आदेश का अनुपालन करने के लिए छह हफ्ते का समय दिया था और अनुपालन आख्या मांगी थी। अवमानना याचिका दाखिल कर सोमवार को कोर्ट में कहा गया कि उक्त आदेश का आज तक अनुपालन नहीं किया गया। इस पर पीठ ने संज्ञान लिया और पाया कि प्रथमदृष्टया सरकारी महकमों के बड़े अफसर अवमानना के दोषी हैं।

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