फर्जी दिव्यांगता पर नौकरी पाने वाला निलंबित
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला को शासन ने निलंबित कर दिया। राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला पर साल 2019 में औरैया जिले में तैनाती के दौरान फर्जी दिव्यांग का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने का आरोप लगा था। लेकिन अधिकारियों से सांठगांठ के चलते मामले की जांच 3 सालों से लंबित थी।
मोहनलालगंज तहसील में तैनाती के दौरान भी राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं। साल 2019 में फर्जी दिव्यांग का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगने के बाद प्रशांत शुक्ला ने अपना ट्रांसफर अधिकारियों के से सांठगांठ कर लखनऊ करवा लिया था। जिसके बाद मामले की जांच भी लखनऊ जिलाधिकारी को ट्रांसफर कर दी गई।
निलंबित राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला ने कम सुनाई देने का प्रमाण पत्र लगाया था। आरोप लगने के बाद सुनने की जांच कराने के लिए कहा गया। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि प्रशांत शुक्ला की सुनने की क्षमता ठीक है। स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट में उन्हें फिट पाया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट आने के बाद लखनऊ जिलाधिकारी ने राजस्व निरीक्षक प्रधान शुक्ला को निलंबित कर दिया।
मोहनलालगंज तहसीलदार राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि तहसील में तैनात राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला को लखनऊ जिलाधिकारी ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी करने के मामले में निलंबित कर दिया है। साल 2019 में प्रशांत शुक्ला पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी हासिल करने का आरोप लगने के बाद प्रशांत शुक्ला ने राजस्व परिषद के पूर्व निजी सचिव की शरण ली।
ऊंचे रसूख के कारण प्रशांत शुक्ला 3 सालों से कार्रवाई से बच रहा था। लेकिन शासन की सख्ती के बाद 2019 से लंबित जांच में कार्रवाई करते हुए राजस्व निरीक्षक प्रशांत शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है। मोहनलालगंज में तहसील में तैनाती के दौरान भी प्रशांत शुक्ला पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।