ये है अस्पतालों की रियल पिक्चर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक अस्पताल की बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने के लिए अचानक निरीक्षण के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन अस्पताल से जाते ही उनकी डांट-फटकार का असर यूं दिखना बंद हो जाता है, जैसे डिप्टी सीएम ने कुछ कहा ही न हो।
लखनऊ के सिविल अस्पताल, सीतापुर के महमूदाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाराबंकी के दो अस्पतालों – जिला अस्पताल और कुर्सी का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा लिया। अब इन अस्पतालों की व्यवस्था पहले से भी ज्यादा खराब हो गई है। हां, डिप्टी सीएम के निरीक्षण के बाद से लखनऊ के सिविल अस्पताल की तस्वीर कुछ बदली जरूर नजर आई।
18 अप्रैलः बाराबंकी के जिला अस्पताल का निरीक्षण
मरीज बनकर डिप्टी सीएम सीधे OPD पहुंचे। लाइन में लगकर पर्चा बनवाया। 40 मिनट तक अस्पताल में रहे। सील पैक मशीन देख डिप्टी सीएम का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि ये सरकार ने रखने के लिए नहीं खरीदी है। डिप्टी सीएम ने कहा था कि मैं बहुत दुखी हूं।
रियलिटी चेक में ये 6 बड़ी खामियां मिलीं
- जिस टोंटी से डिप्टी सीएम ने पानी पीया था, उससे पानी ही नहीं आ रहा था।
- CMS नहीं मिले। तीमारदारों ने बताया CMS डॉ. बृजेश सिंह कभी भी अस्पताल में नहीं मिलते और अगर कमरे में होते भी हैं तो लोगों से मिलने से साफ इनकार कर देते हैं।
- एंबुलेंस खराब मिलीं, कुछ तो धक्का लगाने से स्टार्ट होतीं हैं।
- हड्डी के डाक्टर वी के चौधरी नशे की हालत में मिले।
- प्लास्टर बांधने और काटने का काम स्वीपर करता है।
- अस्पताल की इमरजेंसी में तीमारदार खुद ग्लूकोज की बोतल हाथ में लिए खड़े थे। इलाज इंटर्न के भरोसे था।