उत्तर प्रदेशराज्य

बदला हुआ नजर आएगा सदन

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:18वीं विधानसभा में सदन बदला-बदला नजर आएगा। तमाम लोगों को शायद यह पता न हो कि विधानसभा के लिए जितने सदस्य निर्वाचित होते रहे हैं, सदन में उतने सदस्यों को बैठने के लिए भी सीट नहीं थीं। अब 18वीं विधानसभा की पहली बैठक से सभी सदस्यों की अपनी तय सीट होगी। इसके लिए सदन में सीटों को बढ़ाने का काम तेजी से चल रहा है। इसी तरह ‘ई-विधान’ व्यवस्था लागू कर सदन कई अन्य नई पहल की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। विधानसभा सदन में 403 विधायकों और एक महाधिवक्ता को मिलाकर कुल 404 सीटों की आवश्यकता होती है। 

‘ई-विधान’ व्यवस्था लागू कर सदन कई अन्य नई पहल की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है।

पर्याप्त सीट न होने से विधायकों का स्थान भी निश्चित नहीं था। इससे दलीय व्यवस्था में निर्धारित सीटों में जो सदस्य जहां स्थान पाता था, बैठ जाता था। बैठकों के दौरान तमाम सदस्यों की अनुपस्थिति की वजह से यह व्यवस्था चलती आ रही थी। यही व्यवस्था तब भी थी जब उत्तराखंड गठन के पूर्व विधानसभा सदस्यों की संख्या 425 हुआ करती थी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इस समस्या के स्थायी समाधान की पहल की है। विधानसभा की सीटें बढ़ाई जा रही हैं।

महाना ने बताया कि विधानसभा में 25 सीटें बढ़ाने का काम पूरा हो गया है। अब विधानसभा में सीटों की संख्या 379 से बढ़कर 404 हो गई हैं। यह सभी 403 निर्वाचित सदस्यों व महाधिवक्ता के लिए आवश्यक 404 सीटों के बराबर है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि प्रत्येक सदस्य की सीट सुनिश्चित करने का रास्ता बन गया है।

विधानसभा की आगामी बैठक में सदन में प्रत्येक सदस्य का स्थान सुनिश्चित होगा। साथ ही प्रत्येक सदस्य की सीट पर टैबलेट फिक्स किए जाने का प्रयास है। इस पर सदन व सदस्य से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। सदस्यों के सवालों का जवाब भी इस पर उपलब्ध होगा। यह पेपरलेस सदन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि विधानसभा को पेपरलेस करने की कार्यवाही लोकसभा की तर्ज पर की जा रही है।

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