उत्तर प्रदेशराज्य

बाजार में दस करोड़ की नकली दवाएं

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:एसटीएफ द्वारा पकड़ी गई दवाओं का जांच में नकली होने की पुष्टि के बाद खलबली मच गई। शातिर कारोबारियों ने करीब दस करोड़ की नकली दवाएं बाजार में उतार दी थीं और ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप आपूर्ति का केंद्र थे। औषधि विभाग ने जांच रिपोर्ट आने के बाद शासन और जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजकर सीएमएम कोर्ट में मुकदमा कराया है।

कानपुर में गिरोह कर रहा था नकली दवाओं की आपूर्ति।
कोराना संक्रमण काल में दूसरी लहर में क्राइम ब्रांच की टीम ने कई जगह पर छापे मारकर दवाओं का जखीरा पकड़ा था जिसके नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। 

कोरोना काल में एसटीएफ ने बाबूपुरवा में 268 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन पकड़े थे, इसके बाद क्राइम ब्रांच टीम ने शहर के गोविंदनगर, बाबूपुरवा, नौबस्ता, लखनऊ, अलीगढ़, मेरठ, उत्तराखंड, हापुड़ आदि शहरों में छापेमारी करके करोड़ों की दवाएं और दवा बनाने का कच्चा माल, पैकिंग मशीनें, रैपर आदि की बरामदगी की थी। औषधि विभाग ने दवाओं के नमूने प्रयोगशाला भेजे थे, जिसकी जांच रिपोर्ट आई है। इसमें सभी दवाएं नकली होने की पुष्टि हुई है।नकली दवाओं के कारोबार से जुड़े आरोपित नकली फर्मों के जरिए बिक्री करते थे। छानबीन में सामने आया है कि विभिन्न शहरों से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में दवा की दुकानों और झोलाछापों को अधिक मुनाफे का लालच देकर नकली दवाएं बेची जाती थीं।

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