उत्तर प्रदेशराज्य

लग सकता है महंगी बिजली का झटका

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए मतदान खत्म होते ही बिजली कंपनियों ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली की दरों के निर्धारण संबंधी प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनियों ने मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग में 85,500 करोड़ रुपये एआरआर का प्रस्ताव दाखिल किया। कंपनियों द्वारा एआरआर में 6700 करोड़ रुपये के दिखाए गए गैप की भरपाई के लिए बिजली की मौजूदा दरों में इजाफा किया जा सकता है। हालांकि, कंपनियों ने एआरआर के साथ आयोग में संबंधित टैरिफ प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है। माना जा रहा है कि नई सरकार का रुख देखकर ही बिजली की दरों के संबंध में कंपनियां आगे कदम बढ़ाएंगी।

यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म होते ही बिजली कंपनियों ने घाटे की भरपाई के लिए बिजली महंगी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

वैसे तो अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की दरों के संबंध में कंपनियों को 30 नवंबर तक ही विद्युत नियामक आयोग में एआरआर प्रस्ताव दाखिल कर देना चाहिए था, लेकिन अबकी विधानसभा चुनाव होने के कारण ऐसा नहीं किया गया जिससे उसकी रेटिंग भी खराब हो रही थी। सात फरवरी को मतदान की प्रक्रिया पूरी होते ही मंगलवार को बिजली कंपनियों ने एआरआर सहित ट्रू-अप वर्ष 2020-21 और एनुअल परफार्मेंस रिव्यू (एपीआर) वर्ष 2021-22 को आयोग में दाखिल कर दिया। तकरीबन 85,500 करोड रुपये का एआरआर दाखिल करने वाली बिजली कंपनियां अगले वित्तीय वर्ष में प्रदेशवासियों को बिजली आपूर्ति के लिए 65 हजार करोड़ रुपये से लगभग 1.20 लाख मिलियन यूनिट(एमयू) बिजली खरीदेंगी।

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