उत्तर प्रदेशराज्य

नगर निगम के कई चालक संदेह के घेरे में

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखनऊ और आसपास के जिलों में सरकारी वाहनों के ईंधन से निजी वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसका खुलासा होने के बाद से पुलिस ने नगर निगम के कूड़ा उठाने वाले वाहनों के चालकों के साथ ही एंबुलेंस चालकों और सरकारी वाहनों को चलाने वाले चालकों पर नजर रखनी शुरू कर दी है। यह चालक सरकारी वाहनों से तेल चोरी कर लोगों को सस्ते दामों पर बेंच रहें है। विभागीय जांच में इस बात का खुलासा होना के बाद गोमतीनगर पुलिस ने चोरी का तेल खरीदने वाले की गिरफ्तारी के बाद इस लाइन पर जांच तेज कर दी है।

सरकारी ट्रक से डीजल चोरी करते लोग 

दिलकुशा के पास रेलवे पटरी किनारे होती है बिक्री
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शहर में सबसे ज्यादा सरकारी तेल की चोरी की बिक्री दिलकुशा के पास रेलवे पटरी के किनारे होती है। यहां सुबह व रात में लोग तेल खरीदने पहुंचते हैं। यहां पास में ही सरकारी वाहनों के चालकों के आवास हैं। उनके घर की महिलाएं व बच्चे तेल बिक्री में लगे हैं। इसके साथ ही आरआर ग्राउंड, शहर के आउटर पर यह खेल तड़के शुरू होता है। इसके लिए पुलिस विभाग की चार टीमों को सक्रिय किया है। पुलिस की नजर नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों के चालक, वहां के कीपर के साथ ही सरकारी एंबुलेंस चालकों पर विशेष नजर हैं। क्योंकि यहां पर तेल चोरी पकड़ी जा चुकी है और विभागीय शिकायत भी मिली है।

नगर निगम का चालक हो चुका बर्खास्त, केजीएमयू में भी पकड़ी गई थी डीजल चोरी

नगर निगम में डीजल चोरी का खेल सालों से चला आ रहा है। 14 फरवरी को अपर आयुक्त ने क्वालिस गाड़ी से डीजल चोरी मामले में संविदा चालक को जांच के बाद बर्खास्त कर दिया। आरआर विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया। जिस पर गोमतीनगर पुलिस ने बाराबंकी के एक युवक को चोरी का तेल खरीदने में गिरफ्तार भी किया। इस गिरफ्तारी के बाद नगर निगम के कई कर्मचारी रडार पर हैं। आरोपी ने पुलिस के सामने खुलासा किया कि शहर में कई सरकारी विभागों के वाहन चालक इस गिरोह से जुड़े हुये हैं। पुलिस ने इसी आधार पर एक दर्जन से अधिक सरकारी वाहन चालकों का ब्योरा जुटाया है। दूसरी तरफ किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) एंबुलेंस से तेल चोरी का मामला प्रकाश में आया है। जिसके बाद संस्थान ने प्रशासनिक वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने की व्यवस्था की है। जिससे एंबुलेंस और अधिकारियों के वाहन की निगरानी जीपीएस ट्रैकर हो सके और तेल चोरी पर लगाम लगे। हालाकि तेल चोरी पकड़ने के लिए विभागीय टीम भी सक्रिय कर दी गई है।

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