सिक्योरिटी गार्ड की बेटी ने किया कमाल
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अभावों से घिरी एक लड़की ने गत्ते के टुकड़ों की मदद से टेबल-टेनिस खेलना शुरू किया। बुलंद हौसले और कड़ी मेहनत के दम पर लखनऊ की इस बेटी ने वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के खेल पटल पर अपना नाम दर्ज करवाया। यह नाम है अर्चना पांडेय। अब यह नाम एक बार फिर से चर्चा में है। एक से 15 मई तक ब्राजील में होने वाले 24वें समर डेफ ओलंपिक में शहर की बेटी अर्चना पांडेय ने भारतीय टीम में जगह बनाई है। अर्चना, उत्तर प्रदेश की इकलौती खिलाड़ी हैं, जो इस चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।

लखनऊ के आलमबाग निवासी सिक्योरिटी गार्ड चंद्रप्रकाश पांडेय की बेटी अर्चना तीन भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। वह बचपन से ही सुन नहीं पाती थी। पिता ने शुरुआती दौर में बहुत इलाज कराया लेकिन धनाभाव और सकारात्मक परिणाम न मिलने से इलाज अधूरा रह गया। अर्चना ने अपनी इस कमजोरी को मजबूती में बदल दिया। स्कूल में गत्ते के टुकड़ों की मदद से टेबल-टेनिस खेलना शुरू किया। धीरे-धीरे वह प्रदेश की इकलौती ऐसी शख्सियत बन गईं, जिसने टेबल-टेनिस में ओलंपिक में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया है। परिवार की तंगी से जूझते हुए अर्चना अब तक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सैकड़ों पदक प्रदेश व देश की झोली में डाल चुकी हैं।
पति ने छोड़ा साथ, फिर भी नहीं डगमगाए कदमः वर्ष 2017 में ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने के कुछ दिन बाद घरवालों ने अर्चना की शादी कर दी। हालांकि, यह खुबसूरत रिश्ता महज पांच माह ही चल सका। पति ने अर्चना के बधिर होने से रिश्ता तोड़ लिया। पहले गरीबी, फिर पति के अलग हो जाने से अर्चना टूट गईं। तब इनके कोच पराग अग्रवाल और मां नीलम पांडेय उन्हें खेल से दोबारा जुड़ने का हौसला दिया। बीतते समय के साथ अर्चना ने खुद को खेल की बारीकियां सीखने में व्यस्त कर लिया। अब एक बार फिर वह देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि इस गेम के बाद उनके दिन बहुर जाएंगे।