उत्तर प्रदेशराज्य

यूक्रेन में फंसी लखनऊ की MBBS छात्रा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:आसमान में सिर्फ फाइटर प्लेन और धुआं-धुआं ही नजर आ रहा है। हमारे हास्टल के सामने विश्वविद्यायल में रूस का झंडा लग गया है। हम सब दहशत में हैं। दो रात से सो नहीं पाए हैं। बहुत डर लग रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से हास्टल के बाहर एक बंकर में करीब 200 छात्र-छात्राओं को रखा गया है। यह कहना है यूक्रेन के खारकीव शहर में फंसीं एमबीबीएस की प्रथम वर्ष की छात्रा श्रेया मिश्रा का। श्रेया ने अपने पिता और फूफा को गुरुवार रात फोन कर जानकारी दी।

 अभी एक सप्ताह पहले ही लखनऊ से MBBS करने यूक्रेन पहुंचीं छात्रा श्रेया मिश्रा ने कभी नहीं सोचा होगा कि जीवन में ऐसे भी हालात का सामना करना पड़ सकता है

श्रेया मूल रूप से हरदोई विष्णुपुरी की रहने वाली हैं। यहां वह त्रिवेणीनगर तृतीय में रहने वाले अपने फूफा कौशल त्रिपाठी के यहां पली बढ़ी हैं। कौशल त्रिपाठी मेडिकल व्यवसायी हैं। उन्होंने बताया कि श्रेया के पिता पवन कुमार मिश्रा ज्वैलर्स व्यवसायी हैं। कौशल के मुताबिक भतीजी श्रेया ने उनके घर पर रहकर ही मेडिकल की तैयारी की है। श्रेया का चयन खारकीव शहर के मेडिकल कालेज में हुआ था। वह बीती 15 फरवरी को वहां गई थी। वहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था। यूक्रेन पर रूस ने हमला किया तो श्रेया वहीं फंस गई। वह बहुत डरी हुई हैं। श्रेया का हाल जानकर उनके घर वाले भी बहुत परेशान हैं। 

चिप्स और बिस्कुट खाकर रह रहे हैं, खाना भी मिल जाता हैः कौशल त्रिपाठी ने बताया कि भतीजी से जब उनकी बात हुई तो उसने बताया कि खाने की भी अब दिक्तें होने लगी है। दो दिन से वह सुरक्षा के दृष्टिगत बंकर में हैं। पहले दिन तो खाना मिला। इसके बाद वह चिप्स और बिस्कुट खा रही हैं। पानी की कुछ बोतलें हैं जो सैनिक पहुंचा देते हैं किसी न किसी समय। पवन कुमार ने बताया कि बेटी ने उन्हें यह भी बताया कि बंकर छोटा है। उसमें करीब 200 छात्र-छात्राएं हैं। सबके बैठने के लिए जगह नहीं हैप। हम दो घंटे फर्श पर बैठते हैं तो हमारी सहेलियां और साथी खड़े रहते हैं। जब वह बैठते हैं तो हम खड़े होते हैं। इस तरह से समय कट रहा है। हम सबको जल्द सुरक्षित निकाला जाए। पापा बहुत डर लग रहा है अब।

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