उत्तर प्रदेशलखनऊ

चुनाव की जीत हार में दोस्त बने कातिल

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:चुनाव कौन जीतेगा और कौन हारेगा भले ही तय हाेने में अभी इंतजार है। प्रत्याशियाें का भाग्य ईवीएम में बंद है, लेकिन गली-मुहल्लों में चल रही हार-जीत पर बहसबाजी जानलेवा होने लगी है। इसी बहस में शनिवार रात बचपन का जिगरी दोस्त तैश में आकर कातिल बन गया। रात में बहस के दौरान कुछ और भी युवक थे, लेकिन अब कोई ढूंढे नहीं मिल रहा है।

बदायूं में चुनाव में हार जीत का फैसला भले ही बाद में हो लेकिन दोस्ताें के बीच हुई बहस में जिगरी दोस्त की जिंदगी का फैसला दूसरे दोस्त ने कर दिया।

सदर कोतवाली क्षेत्र क्षेत्र के कबूलपुरा के शारिक और खालिद बचपन के जिगरी दोस्त थे। बताते हैं कि वर्षों पुरानी दोस्ती इतनी गहरी थी कि दोनों दिन में जब तक एक दूसरे से मिल नहीं लेते थे, तब तक उन्हें चैन नहीं पड़ता था। शनिवार की रात भी दोनों की मुलाकात हुई, लेकिन होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। किसी को क्या पता था कि दोनों जिगरी दोस्त एक दिन एक दूसरे की जान के दुश्मन बन जाएंगे और वह भी राजनीति के चक्कर में। बताया जाता है कि गोली मारने वाला खालिद भाजपा समर्थक है जबकि मृतक शारिक सपा समर्थक था। शनिवार रात दोनों के बीच भाजपा व सपा प्रत्याशियों की हारजीत को लेकर बहस होने लगी।बहस के चलते दोनों के बीच गाली-गलौज होने लगी और खालिद ने तमंचे से शारिक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। 

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