उत्तर प्रदेशराज्य

नाराज हुए 8 लाख कर्मी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:समाजवादी पार्टी और बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में प्रमोशन में आरक्षण बिल पर कोई बात नहीं की है। ऐसे में आरक्षण समर्थक नाराज हो गए है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति का दावा है कि प्रदेश में आठ लाख आरक्षण समर्थक कर्मचारी इसको लेकर आंदोलन करेंगे। बताया कि चुनाव में दोनों ही दलों को अब प्रदेश के आरक्षण समर्थक और उनका परिवार सबक सिखाने का काम करेगा। दलील है कि दोनों ही दलों ने इसको लेकर बात कही थी।

आठ लाख दलित कर्मचारी सपा और भाजपा से नाराज। - Dainik Bhaskar
आठ लाख दलित कर्मचारी सपा और भाजपा से नाराज।

वादा किया था कि वह सरकार बनने के बाद इसको लागू करेंगे, लेकिन इसको जब अपने घोषणा-पत्र में ही शामिल नहीं किया तो दूसरे के लिए क्या करेंगे। ऐसे में अब 8 लाख कर्मचारी उनके खिलाफ प्रचार- प्रसार करेंगे। संघर्ष समिति के संयोजक अवधेश वर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आदेश की आड़ में जब दो लाख दलित-कार्मिकों को रिवर्ट किया गया था, तो अब सुप्रीम कोर्ट आदेश के तहत पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था बहाली पर चुप्पी क्यों है।उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ हम पूरे प्रदेश में कैंपेन करेंगे। इससे अब एक बात साफ हो गई है कि सपा और भाजपा को दलित कर्मचारियों से कोई लेना देना नहीं है। उनको हर हाल में केवल उनका वोट चाहिए। कहा कि जब प्रमोशन में आरक्षण खत्म करना था तो समाजवादी पार्टी ने इसको साल 2012 के घोषणा पत्र में शामिल किया था, लेकिन अब इसको लेकर कोई बात नहीं करना चाहते हैं। जबकि पिछले साल दलित कर्मचारियों से मिलकर अखिलेश यादव ने इसको लागू करने की बात कही थी। यहां तक की पिछले दिनों हुए कई प्रेस वार्ता में भी उन्होंने प्रमोशन में आरक्षण का समर्थन किया था। लेकिन इसको अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल न कर प्रदेश के दलित और पिछड़े वर्ग को धोखा देने का काम किया है।

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