उत्तर प्रदेशराज्य

पुलिस के डर से छात्र ने लगाई फांसी

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:रास्ते में पड़ी मिली सिम पोर्ट कराने की कीमत एक छात्र को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पैसे देने के बावजूद पिता और खुद को प्रताड़ित करने व थाने बुलाने के डर से परेशान छात्र ने फांसी लगाकर जान दे दी। उधर, सीओ कर्नलगंज ने मामले की जांच शुरू कर दी है। यह घटना परसपुर के चरसड़ी के गांव की है। यहां के निवासी अरविंद सिंह के मुताबिक, उनके बेटे नितिन सिंह उर्फ राज को एक सप्ताह पूर्व एक सिम रास्ते में पड़ा मिला था। उसने सिम को पोर्ट कराकर अपनी बहन को दे दिया। 29 जनवरी को पुलिस ने उक्त नंबर पर फाेन किया और सिपाही अरविंद को शाहपुर पुलिस चौकी ले आई।अरविंद का आरोप है कि उस दिन कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस कर्मियों ने आठ हजार रुपये लेकर उसे छोड़ दिया। पुलिस के भय से बेटा नितिन बीते शुक्रवार को दिल्ली भाग गया। शनिवार को पुलिस ने अरविंद को फिर थाने बुलाया। आरोप है कि पुलिस द्वारा बेटे को चौकी में हाजिर करने का दबाव बनाय गया। इस पर पिता ने पुलिस वालों को दोबारा नौ हजार रुपये दिए। लेकिन, इसके बावजूद पुलिसवालों ने अरविंद को धमकी देना बंद नहीं किया। अरविंद का कहना है कि उसने फोन करके बेटे नितिन को घर बुला लिया। वह रविवार को घर पहुंचा। लेकिन, वह बहुत डरा हुआ था।

गोंडा में रास्ते में पड़ी मिली सिम पोर्ट कराने की कीमत एक छात्र को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

आखिरकार पुलिस के उत्पीड़न के डर से नितिन ने सोमवार की सुबह घर में फांसी लगा लगाकर जान दे दी। मृतक के पिता अरविंद सिंह ने चौकी प्रभारी समेत चार सिपाहियों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। प्रभारी निरीक्षक संदीप सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। सीओ मुन्ना उपाध्याय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। वहीं, एसपी संतोष कुमार मिश्र का कहना है कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद अगर आरोप सही पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

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