उत्तर प्रदेशराज्य

छेड़छाड़ की शिकायत करवाने की मिली सजा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखनऊ के चरक अस्पताल में छेड़छाड़ की शिकार हुई महिला डॉक्टर की अस्पताल प्रबंधन ने सैलरी रोक दी। जबकि आरोपी डॉक्टर पर कार्रवाई की बजाय उससे इलाज करवाया जा रहा है। गुरुवार को पीड़िता ने वीडियो वायरल करके अपना दर्द बयान किया। पीड़िता का आरोप है कि पुलिस भी आरोपी डॉक्टर अरुण कुमार और हॉस्पिटल के डायरेक्टर अश्वनी सिंह को बचा रही है।

नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ अरुण कुमार महिला मरीजों के साथ भी ऐसी गन्दी हरकतें करते हैं।
नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ अरुण कुमार महिला मरीजों के साथ भी ऐसी गन्दी हरकतें करते हैं।

चरक हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर ने वही के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ अरुण कुमार के खिलाफ तालकटोरा थाने छेड़छाड़ का केस दर्ज करवाया था। छेड़छाड़ की शिकायत पर कोई एक्शन लेने की बजाय पीड़िता को ही धमकाने के आरोप में हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ अश्वनी सिंह का नाम भी रिपोर्ट में शामिल था। पीड़िता का कहना है कि करीब एक महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की। पीड़िता ने बताया कि डॉ अरुण कुमार के करतूतों को उजागर करने की वजह से हॉस्पिटल प्रबंधन ने चार महीने से उसे वेतन नही दिया। उसने नौकरी छोड़ना चाहा लेकिन आधिकारिक तौर पर उसे रिलीव नही किया जा रहा जिसकी वजह से उसका कैरियर बेकार हो रहा है।पीड़ित महिला डॉक्टर का कहना है कि नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ अरुण कुमार महिला मरीजों के साथ भी ऐसी गन्दी हरकतें करते हैं। मरीजों के साथ हो रही इन हरकतों को रोकने और अपने साथ हुई छेड़छाड़ पर अरुण कुमार को सजा दिलाने के लिए आवाज उठाई। लेकिन पुलिस ने उसकी आवाज को दबाकर आरोपियों को संरक्षण देना शुरू कर दिया। पीड़िता का कहना है कि वह कई बार पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से मिली। वह हर बार जल्द कार्रवाई का आश्वासन देते रहे और थाने की पुलिस जांच के नाम पर केस को टालती रही। ADCP पश्चिमी चिरंजीवी नाथ सिन्हा का कहना हैं। मामले की जांच चल रही है। ठोस साक्ष्य मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।

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