उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का फैसला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने अब अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में कोई भी नई उपजातियां न जोड़ने का निर्णय लिया है। यानी सूची में अब केवल मूल जातियों के नाम ही दर्ज किए जाएंगे। आयोग की बुधवार को हुई बैठक में करीब एक दर्जन से अधिक उपजातियों को ओबीसी की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव आए थे, इस पर आयोग यह सैद्धांतिक निर्णय लिया है।
आयोग के अध्यक्ष जसवंत सैनी ने कहा कि पिछड़े वर्ग की विभिन्न जातियों में विभिन्न नामों के बजाय किसी एक नाम से सूचीबद्ध किया जाएगा। बैठक में पिछड़े वर्ग की सूची में शामिल भुर्जी, भड़भूजा, भूज, कांदू के साथ भोजवाल अंकित करने व रावत राजपूत समाज को ओबीसी की सूची में शामिल करने पर विचार किया गया, हालांकि इस पर अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है। बैठक में अनुसूचित जातियों में शामिल शिल्पकार समाज की उपजातियों लोहार, बढ़ई, कुम्हार, सुनार, कसेरा आदि को ओबीसी की सूची से हटाने का निर्णय लिया गया। जसवंत सैनी ने कहा कि आयोग प्रदेश के निर्बल, असहाय, कमजोर एवं पीडि़त समुदाय संबंधी मामलों की निरंतर सुनवाई करते हुए उन्हें न्याय दिलाने के साथ-साथ सहायता भी प्रदान कर रहा है। बैठक में आयोग के उपाध्यक्ष हीरा ठाकुर, प्रभुनाथ चौहान व सचिव अर्चना गहरवार मुख्य रूप से शामिल थीं।